आपको बता दें कि, जिले के बिजाबर थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले बाजना के पाटन गांव में रहने वाले रामेश्वर की चार साल की बेटी खेलते-खेलते नदी की मिट्टी में दबने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी। घटना के बाद उसे बिजाबर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। गांव से छतरपुर मुख्यालय की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। जिला अस्पताल पहुंचते पहुंचते घायल प्रीति को लगभग 2 घंटे लग गए। जिला अस्पताल पहुंचते ही त्तकाल उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। हालांकि, इसी दौरान उसकी मौत हो गई।
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यात्री बस में बैठाकर भांजी का शव लाया मामा
प्रीति की मौत के बाद उसके पिता रामेश्वर और उसके मामा किशोरी अहिरवार उसे अपने गांव ले जाना चाहते थे। एंबुलेंस के लिए मृतक प्रीति के शव को कंधे पर लेकर उसका मामा लगभग दो घंटे तक इधर से उधर लेकर भटकता रहा, लेकिन मासूम को उसके गांव छुड़वाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल सकी, जिसके बाद वह अपनी भांजी का शव बस के माध्यम से अपने गांव ले गया। संबंधित मामले में अभी तक जिला अस्पताल प्रबंधन और जिला अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
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