माइक्रो ब्लाक से बदलेगी तस्वीर
डीएफओ ने छतरपुर के जंगलों में पथरीले इलाकों में पानी का लेवल बढ़ाने को लेकर काम किया। माइक्रो ब्लाक बनाए गए है। छोटे छोटे ब्लाक बनाने का कान्सेप्ट बेहतर रहा। इससे बारिश का पानी बह नहीं सका। लंबे समय तक जब बारिश का पाानी इन छोटे छोटे गड्ढों में भरा रहा तो वहां पौधों ने भी मजबूती पकड़ली और वह तैयार हो गए। जिस जगह पर पथरीला जंगल दिखता था वहां अब हरियाली बिखर रही है। इस तरह के कान्सेप्ट की दरकार बुंदेलखंड में है। लेकिन इन पेड़ों को बचाना भी एक बड़ी चुनौती है।
कम घने इलाकों में होगा पौधरोपण
जिले में वन विभाग ऐसे इलाकों में पौधरोपण करेगा, जहां पेड़-पौधे कम मात्रा में हैं। इस साल विशेष प्लान के तहत बकस्वाहा के जंगलों की 113 हेक्टेयर जमीन में पौधरोपण होग, ताकि बकस्वाहा में सघन वन क्षेत्र और बढ़ सके। इसके अलावा बकस्वाहा के जंगलों की देखरेख और संरक्षण के लिए भी विभाग द्वारा अलग से बजट इस सत्र में जारी किया गया। वन विभाग के अनुसार बकस्वाहा के जंगल का पूरी तरह से संरक्षण किया जा रहा है. आगे भी बकस्वाहा के वन क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। वन विभग की पूर्व की रिपोर्ट के अनुसार सघन वन क्षेत्र को लेकर छतरपुर वन मंडल को प्रदेश स्तर पर सराहना मिली है।
फैक्ट फाइल
पिछले साल तक पौधरोपण- 25 लाख
वर्ष 2019 में पौधरोपण- 4.25 लाख
वर्ष 2020 में पौधरोपण- 5.61 लाख
वर्ष 2021 में पौधरोपण 4.10 लाख
वर्ष 2022 में पौधरोपण- 4.90 लाख
वर्ष 2023 में पौधरोपण- 7.30 लाख
इनका कहना है
इस बार हमने नौ लाख से ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। पेड़ पौधों की सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा फोकस रहेगा। जिन क्षेत्रों में पानी कम है और पथरीले हैं वहां सबसे ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे।
सर्वेश सोनवानी, डीएफओ, छतरपुर