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छतरपुर

विलुप्त हो रही पौधों की प्रजातियों का होगा संरक्षण, खजुराहो में विकसित कर रहे विरासत वन

विरासत वन में स्थानीय क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार प्रतिमाएं, वृक्ष नक्षत्र वन, नवग्रह पंचवटी वन, तीर्थंकर बन, सप्त ऋषि वन, श्रीपर्णी वन, चरक आरोग्य राशि वन आदि शामिल है इसके अलावा इन वन के अंदर ओपन चिल्ड्रन एक्टिविटी, कुंड पार्क, गजिबो ओपन एयर थिएटर आदि भी बनाए जाएंगे।

छतरपुरJul 14, 2024 / 10:57 am

Dharmendra Singh

forest

विरासत वन खजुराहो का नक्शा

छतरपुर. गुजरात के पैटर्न पर खजुराहो के पास विरासत वन विकसित किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी हो गए हैं। यह विरासत वन राजनगर-गंज मार्ग पर गोरा तिराहे से खजुराहो मार्ग पर 100 मीटर की दूरी पर दाहिने तरफ पर वन कक्ष 675 के अंदर पांच हेक्टेयर में निर्मित किया जा रहा है। जिसके लिए राज्य शासन से 12 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है, जिसमें 2 करोड़ का बजट मिला है। विरासत वन के प्रारंभिक चरण में क्षेत्र का सीमांकन, क्षेत्र सफाई, विद्युत लाइन, जल प्राप्ति के लिए बोर का काम कराया है।

संवारेंगे विरासत


फेंसिंग के बाद इसके अंदर राशि वन, नक्षत्र वन, ग्रह वाटिका, चांदनी वन व तरह-तरह की छोटी छोटी वाटिकाओं के रूप में विलुप्त हो रही वृक्ष प्रजातियों को लगाया जाएगा। जो प्रजातियां हमें हमारे पूर्वजों द्वारा विरासत में प्राप्त हुई थीं, उनको सहेजने के साथ-साथ पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्यटक वाटिका के रूप में भी तैयार किया जाएगा। इस विरासत वन में भारतीय एवं बुंदेलखंडी विरासत को संजोए अनेक कार्यक्रम भी होंगे।

स्थानीय संस्कृति की रहेगी झलक


विरासत वन में जिले की संस्कृति देखने को मिलेंगी इसी मंशा से इन्हें विकसित किया जा रहा है। 17 एकड़ में प्रस्तावित संस्कृति वन में खजुराहो मंदिर के साथ-साथ कंदरिया महादेव और देवी जगदंबिका सहित 25 मंदिरों की झलक दिखाई देगी। खजुराहो में औषधि से संबंधित पौधों के रोपण के साथ ही ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के वन से पौधे लाकर विकसित किए जाएंगे। विरासत वन में स्थानीय क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार प्रतिमाएं, वृक्ष नक्षत्र वन, नवग्रह पंचवटी वन, तीर्थंकर बन, सप्त ऋषि वन, श्रीपर्णी वन, चरक आरोग्य राशि वन आदि शामिल है इसके अलावा इन वन के अंदर ओपन चिल्ड्रन एक्टिविटी, कुंड पार्क, गजिबो ओपन एयर थिएटर आदि भी बनाए जाएंगे।

बच्चों व बुजुर्गो के लिए विशेष इंतजाम


विरासत वन की स्थापना का उद्देश्य बुंदेलखंड की कला संस्कृति संस्कार एवं औषधीय संरक्षण को प्रदर्शित करना है इस स्थल पर ऐसे पौधों को संरक्षित करना है, जो ग्रह-नक्षत्र, संस्कृति-कला, संस्कृति-संस्कार, तीज-त्यौहार, व्यंजन- प्यार संस्कृतियों को जीवित रखे। चेतन (मनुष्य) और पौधे (जड़) एक दूसरे के पर्याय हैं अत: इस विरासत वन में उन पौधों को जो भोजन औषधि एवं जन्म से मृत्यु तक मनुष्य का साथ देते हैं को संरक्षित पल्लवित एवं पोषित कर इनके साथ जीवन ऊर्जा विकसित की जा सकेगी। इसमें बच्चों बुजुर्ग और नेचर लवर के लिए विशेष इंतजाम होंगे. 17 एकड़ में बनने वाले इस वन में आध्यात्मिक वन, नक्षत्र वन, राशि वन, विरासत वन, आरोग्य वन, लक्ष्मी वन तीर्थंकर वन और गोकुल वन भी आकार लेंगे।

फैक्ट फाइल


भूमि की लोकेशन – वन कक्ष क्रमांक पी675
बीट- खर्रोही
वन परिक्षेत्र का नाम- लवकुशनगर
खजुराहो से दूरी- 4 किलोमीटर


इनका कहना है


खजुराहो के पास खर्रोही में विरासत वन तैयार किया जा रहा है। वन में आध्यात्मिक वन, नक्षत्र वन, राशि वन, विरासत वन, आरोग्य वन, लक्ष्मी वन तीर्थंकर वन और गोकुल वन भी आकार लेंग
सर्वेश सोनवानी, डीएफओ

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