8 बजे शुरू हो गई नमाज
अलसुबह बच्चों को सजाने-संवारने के बाद लोगों ने पारंपरिक कुर्ता-पैजामा पहना, सर पर टोपी व कपड़े पर इत्र लगाया और ईदगाहों और मस्जिदों की ओर चल पड़े। आठ बजते-बजते सभी ईदगाहों और मस्जिदों पर लोग जुट गए। नमाज शुरू होने के करीब आधा घंटा पहले ही ईदगाह नमाजियों से भर चुकी थी। सुबह 8 बजे से नई ईदगाह में नमाज पढ़ी गई। वहीं नौगांव में गर्मी को देखते हुए सुबह 7.30 बजे ही नमाज शुरू कर दी गई।
अलसुबह बच्चों को सजाने-संवारने के बाद लोगों ने पारंपरिक कुर्ता-पैजामा पहना, सर पर टोपी व कपड़े पर इत्र लगाया और ईदगाहों और मस्जिदों की ओर चल पड़े। आठ बजते-बजते सभी ईदगाहों और मस्जिदों पर लोग जुट गए। नमाज शुरू होने के करीब आधा घंटा पहले ही ईदगाह नमाजियों से भर चुकी थी। सुबह 8 बजे से नई ईदगाह में नमाज पढ़ी गई। वहीं नौगांव में गर्मी को देखते हुए सुबह 7.30 बजे ही नमाज शुरू कर दी गई।
गूंज उठा मुबारकबाद
तय वक्त पर ईद-उल-अजहा की नमाज अता की गई। मुल्क में अमन एवं तरक्की, कोरोना से राहत और अच्छी बारिश की दुआ मांगी गई। नई ईदगाह में नमाज खत्म होते ही मुबारकबाद की गूंज सुनाई पडऩे लगी। बड़ों की देखा-देखी बच्चों ने भी गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की बधाई दी। बच्चों ने खूब मस्ती भी की। नमाज के बाद खुदा का फैज लेकर लोग घर वापस लौटे और शुरू हुआ मेहमाननवाजी का दौर। जीज व्यंजनों का सभी ने खूब लुत्फ उठाया। लोग एक-दूसरे के घर जाते रहे और मुबारकबाद और मेहमानवाजी का सिलसिला दिन भर चलता रहा। बकरीद के मौके पर नमाज के साथ-साथ पशु की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी देने के बाद इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है।
तय वक्त पर ईद-उल-अजहा की नमाज अता की गई। मुल्क में अमन एवं तरक्की, कोरोना से राहत और अच्छी बारिश की दुआ मांगी गई। नई ईदगाह में नमाज खत्म होते ही मुबारकबाद की गूंज सुनाई पडऩे लगी। बड़ों की देखा-देखी बच्चों ने भी गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की बधाई दी। बच्चों ने खूब मस्ती भी की। नमाज के बाद खुदा का फैज लेकर लोग घर वापस लौटे और शुरू हुआ मेहमाननवाजी का दौर। जीज व्यंजनों का सभी ने खूब लुत्फ उठाया। लोग एक-दूसरे के घर जाते रहे और मुबारकबाद और मेहमानवाजी का सिलसिला दिन भर चलता रहा। बकरीद के मौके पर नमाज के साथ-साथ पशु की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी देने के बाद इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है।
फोटो- सीएचपी170824-77- नई ईदगाह में नमाज अता करते हुए
सीएचपी170824-78-नई ईदगाह में नमाज अता करते हुए
सीएचपी170824-79- गले मिलकर मुबारक बाद देते बच्चे
सीएचपी170824-78-नई ईदगाह में नमाज अता करते हुए
सीएचपी170824-79- गले मिलकर मुबारक बाद देते बच्चे