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छतरपुर

गोदामों में स्टॉक फिर भी खाद के लिए परेशान है किसान, सुविधाविहीन वितरण केंद्रों पर प्यासे दिन भर लाइन में खड़े रहने की मजबूरी

जिला मुख्यालय के खाद वितरण केन्द्रों पर हर रोज़ किसानों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन ज्यादातर किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है और वे मायूस होकर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं।

छतरपुरDec 11, 2024 / 10:43 am

Dharmendra Singh

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खाद के लिए इंतजार में किसान

छतरपुर. खाद संकट छतरपुर जिले में अब भी लगातार बना हुआ है, जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय के खाद वितरण केन्द्रों पर हर रोज़ किसानों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन ज्यादातर किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है और वे मायूस होकर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं।

खाद के लिए लंबी कतारें, परेशान किसानों की बढ़ती मुश्किलें


खाद की भारी किल्लत के कारण किसानों को दिनभर इंतजार करना पड़ रहा है। खाद वितरण केन्द्रों पर पेयजल, शेड, और अन्य जरूरी सुविधाओं का अभाव है, जिससे किसानों को और भी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को भी खाद वितरण केन्द्र पर पहुंचे किसानों की स्थिति चिंताजनक थी। कई किसानों को लंबे इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिल पाई।
पठापुर रोड स्थित एक खाद वितरण केन्द्र पर पहुंची महिला किसान नन्हीं बाई ने बताया, मैं सुबह 7 बजे से यहां हूं और अभी तक अपनी बारी का इंतजार कर रही हूं। दोपहर 2 बजे तक मुझे खाद नहीं मिल सका।इसी तरह ग्राम देवपुर के किसान वीरन अहिरवार ने बताया कि वह सुबह 5 बजे केन्द्र पर आए थे और उन्हें 114 नंबर का टोकन मिला था। उन्होंने कहा, “हम खुले आसमान के नीचे भूखे-प्यासे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।”

वितरण केन्द्रों पर पानी की व्यवस्था भी नहीं


ग्राम रमपुरा के किसान टंटू पाल ने बताया कि वह यूरिया लेने के लिए केन्द्र पर आए थे, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण यूरिया मिलने की संभावना कम थी। साथ ही, वितरण केन्द्र पर पानी के मटके सूखे हुए थे, जिससे किसानों को प्यासे रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।

टोकन बेचने की शिकायतें


खाद वितरण केन्द्रों पर टोकन बेचने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिससे किसानों में रोष है। ग्राम बड़ागांव के वृद्ध किसान खचोरा अनुरागी ने बताया कि सुबह 8 बजे वह केन्द्र पर पहुंचे थे, लेकिन सारे टोकन पहले ही खत्म हो चुके थे। इस दौरान एक युवक उनके पास आया और उसने टोकन देने की बात कही। खचोरा ने कहा, “मैंने टोकन खरीदने के लिए उस युवक को 200 रुपए दे दिए। वहीं, रामकिशुन अनुरागी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अतिरिक्त टोकन लेकर किसानों को बेचते हैं। उन्होंने कहा केन्द्र पर बिना दस्तावेजों की जांच किए किसानों को टोकन दे दिए जाते हैं, जबकि नियमानुसार यह बंदी में दर्ज जमीन के हिसाब से दिया जाना चाहिए। इसके बाद कुछ लोग उन टोकन को किसानों से पैसे लेकर बेचते हैं।

वितरण केन्द्रों पर व्यवस्थाओं की कमी


खाद वितरण केन्द्रों पर अन्य बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी देखी जा रही है। किसानों के लिए पानी, छांव और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था न होने से उनकी परेशानियों में और वृद्धि हो रही है। कई किसानों ने बताया कि दिनभर कतार में खड़े रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पाती, जिससे उनके कृषि कार्य पर विपरीत असर पड़ता है।

किसानों की दुर्दशा


यह संकट छतरपुर जिले में एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जिससे किसानों के लिए खाद उपलब्धता एक बड़ी समस्या बन गई है। खाद के बिना वे अपनी फसल को सही तरीके से उगाने में असमर्थ हैं, और इसके चलते उनके आर्थिक हालात भी बिगड़ रहे हैं। हालांकि, कृषि विभागऔर स्थानीय प्रशासन ने खाद संकट को लेकर कदम उठाए हैं। किसानों का कहना है कि प्रशासन को इस स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वे सही समय पर खाद प्राप्त कर सकें और उनके कृषि कार्यों में कोई विघ्न न आये।

जिले में खाद वितरण और उपलब्धता की जानकारी


मंगलवार को सोसायटी द्वारा 99.25 मीट्रिक टन डीएपी 290 किसानों को तथा यूरिया 119.4 मीट्रिक टन 259 किसानों को वितरित किया गया। साथ ही मार्कफेड के गोदामों से 1283 किसानों को एनपीके 277.8 मीट्रिक टन खाद वितरित किया गया। वर्तमान में जिले में यूरिया 1984 मीट्रिक टन, डीएपी 1845 मीट्रिक टन, एनपीके 1452 मीट्रिक टन, पोटास 190 मीट्रिक टन, एसएसपी 2144 मीट्रिक टन खाद की उपलब्धता है। किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी भी उपलब्ध है।

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