छतरपुर. कैंसर नाम ही जेहन में सिहरन दौड़ाने को काफी है। लेकिन इस भयावह बीमारी को भी हमारे जिले में कई मरीजों ने मात दी है। समय से कैंसर की पहचान और सही इलाज के कारण इन लोगों ने लगभग असाध्य मानी जाने वाली बीमारी को भी अपने हौसले से हरा दिया। आज हम ऐसे ही अपने जिले के कुछ कैंसर सवाइवर की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। ताकि बीमारी से ग्रसित होने वाले लोग हौसले की दम पर बीमारी के खिलाफ जंग जीत सकें।
इसलिए खास है जून का महीना
जून का महीना कैंसर सर्वाइवर के हौसलों को सलाम करने के नाम रखा गया है। हर साल कई लोग कैंसर से मर जाते हैं। रोगी के साथ-साथ परिवार के सदस्यों पर कैंसर का बहुत ही क्रूर प्रभाव पड़ता है। यह एक दर्दनाक बीमारी है और घातक हो सकती है। कैंसर के प्रभाव और रोगी के साथ साथ परिवार के सदस्यों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल राष्ट्रीय कैंसर उत्तरजीवी दिवस मनाया जाता है। नेशनल कैंसर सर्वाइवर मंथ कैंसर के शुरुआती पता लगाने और उपचार की आवश्यकता को बहाल करने के लिए मनाया जाता है। नेशनल कैंसर सर्वाइवर मंथ हमे बचे लोगों की ताकत और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक समर्थन के महत्व की याद दिलाता है।
इन्होंने दी कैंसर को भी मात
केस 01
17 वर्ष का ग्राम पठा का रहने वाला बालक जो जुालई 2021 में डॉ श्वेता गर्ग के पास जांच करवाने आया। वह लंबे समय से बीमार रहता था। ब्लड पेरिफेरल स्मीयर की जांच में पता चला कि उसको ल्युकेमिआ या ब्लड कैंसर हो गया है । डॉ श्वेता गर्ग की सलाह पर उसके घरवालों ने सही समय पे उसका इलाज कैंसर हॉस्पिटल में करवाया और आज वह कैंसर फ्री जीवन जी रहा है।
केस 02-
30 वर्षीय चंद्रनगर निवासी पुरुष जो की एक किसान है। मार्च 2020 में डॉ श्वेता गर्ग के पास दिखाने के लिए आया, तब उसको लंबे समय से बुख़ार रहता था और कमजोरी होती थी। डॉ श्वेता गर्ग ने उसकी ब्लड पेरिफेरल स्मीयर की जांच सजेस्ट की और उसको क्रॉनिक म्येलॉइड ल्युकेमिआ(सीएमएल) डायग्नोज हुआ। उसको कैंसर हॉस्पिटल जाने की सलाह दी गई, जिसको उसने माना और एम्स हॉस्पिटल में अपना इलाज लिया। सही समय पर सही डायग्नोसिस और सही इलाज मिल जाने से आज वह कैंसर फ्री है और फिर से अपने खेत में काम कर रहे हैं।
केस 03-
50 वर्षीय छत्तरपुर निवासी महिला 2022 में डॉ श्वेता गर्ग के पास सलाह लेने के लिए आई। उन्हें पोस्ट मेनोपॉज ब्लीडिंग की शिकायत हो रही थी, जो असामान्य है। डॉ श्वेता गर्ग के द्वारा उनका पैप स्मीयर टेस्ट किया गया, जिसमें सर्वाइकल कैंसर डायग्नोज हुआ। उन्हें तुरंत कैंसर हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाने के लिए सलाह दी गई, जिसको उन्होंने माना ,पूरा इलाज लेने के बाद वो आज कैंसर सर्वाइवर है, जो दूसरे कैंसर मरीजो के लिए प्रेरणादायक हैं।