छतरपुर

बस ने स्कूटी को मारी टक्कर, 100 मीटर घसीटा, दो की मौत, एक घायल

मोरवा तिराहा पर शुक्रवार को एक बस ने स्कूटी को टक्कर मार दी। स्कूटी सवार 7 साल की बच्ची और उसकी 30 वर्षीय बुआ की मौत हो गई।

छतरपुरNov 23, 2024 / 10:44 am

Dharmendra Singh

घटना स्थल

छतरपुर. मोरवा तिराहा पर शुक्रवार को एक बस ने स्कूटी को टक्कर मार दी। स्कूटी सवार 7 साल की बच्ची और उसकी 30 वर्षीय बुआ की मौत हो गई। बच्ची की दादी गंभीर रूप से घायल है । जिन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वारदात के बाद बस चालक फरार है। पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।

सामने से स्कूटी में टक्कर मार दी

छतरपुर शहर के बसारी दरवाजा इलाके के निवासी 6 लोग अलग अलग दो पहिया वाहनों से महोबा रोड स्थित एक फार्म हाउस घूमने गए थे। लौटते समय छतरपुर से आ रही तेज रफ्तार बस क्रमांक एमपी16 पी314 ने सामने से स्कूटी में टक्कर मार दी और स्कूटी को करीब 100 मीटर तक घसीटते हुए एक खेत के अंदर पहुंच गई। हादसे में 7 साल की रिया पिता प्रणव विश्वास और उसकी बुआ बुआ स्वीटी उम्र 30 वर्ष पिता अरविंद विश्वास की मौत हो गई। जबकि मुन्नी विश्वास उम्र 49 वर्ष घायल हो गई। जिन्हें इलाज ेक लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बस स्कूटी को घसीटते हुए खेत तक ले गई

स्वीटी के भाई डॉ. सुमित ने बताया कि स्कूटी मेरी बहन चला रही थी। उसने एक तेज रफ्तार बस को आता हुआ देखकर सडक़ के किनारे पर खड़ी हो गई। इतने में रॉन्ग साइड से आ रही बस ने टक्कर मार दी। बस स्कूटी को घसीटते हुए खेत तक ले गई। बहन की दो दिन पहले भोपाल में इंगेजमेंट हुई थी। कल वापस आए थे। एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि घटना के बाद से बस ड्राइवर फरार है। उसकी तलाश की जो रही है। बस को जब्त कर लिया गया है।

अक्टूबर में बस हादसे में छात्र की चली गई थी जान


झांसी-खजुराहो फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 39 पर छतरपुर के पास रीवा से ग्वालियर जा रही स्लीपर बस डंपर से टकराकर 20 अक्टूबर को खाई में जा गिरी। रात 12 बजे बागेश्वर धाम गंज तिराहा पर हादसा हुआ है। हादसे में सैनिक स्कूल रीवा के 13 वर्षीय छात्र की मौत हो गई। छात्र पिता के साथ दीपावली की छुट्टी में भिंड स्थित अपने घर जा रहा था। 20 यात्री घायल हुए, जिनमें से पांच को गंभीर चोटें आई थी।

बेलगाम भागती बसें बन रही हैं हादसे का कारण


जिले में बेलगाम दौड़ रही यात्री बसें अब दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। इन बसों की तेज़ रफ्तार और लापरवाही से होने वाले हादसे लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे न केवल बस के यात्री बल्कि आम जनता भी खतरे में है। हाल के दिनों में जिला और आसपास के क्षेत्रों में कई ऐसे हादसे हुए हैं, जिनमें तेज रफ्तार से चलने वाली बसों ने यात्रियों की जान खतरे में डाली और कई बार गंभीर चोटें भी आईं। यह समस्या मुख्य रूप से तब बढ़ी जब से अधिकतर बसें निर्धारित गति सीमा को नजरअंदाज करती हुई तेजी से चलने लगीं। यात्रियों से भरी बसों की तेज़ रफ्तार और ड्राइवर की लापरवाही की वजह से सडक़ हादसों की घटनाएं बढ़ रही हैं।

कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता


इन घटनाओं को देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि यात्री बसों के संचालन पर सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों की गति पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। साथ ही, ड्राइवरों के लिए नियमित प्रशिक्षण और उनके द्वारा ली जा रही गति सीमा का कड़ाई से पालन करवाना जरूरी है। सडक़ सुरक्षा और यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। विभाग द्वारा नियमित चेकिंग और रफ्तार नियंत्रक सिग्नल्स लगाने से इन दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है। साथ ही, बसों के चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वे सडक़ पर सुरक्षित तरीके से वाहन चला सकें।

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