बढ़ रही चुनौती, इसलिए जागरुकता जरूरी
ब्रेस्ट कैंसर पूरी दुनिया में एक गंभीर और बढ़ती हुई बीमारी है। यह कैंसर घातक और जानलेवा दोनों हो सकता है, और इसके मामले युवाओं में भी बढ़ते जा रहे हैं। हर साल अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान और उपचार पर जोर दिया जाता है।
केस 1-
45 वर्षीय गठेवरा निवासी महिला को 6-7 महीनों से दाहिने ब्रेस्ट में गांठ थी। जब डॉ. श्वेता गर्ग ने उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी दी, तब उन्होंने अपनी समस्या साझा की। डॉ. गर्ग द्वारा एफएनएसी जांच के माध्यम से समय पर कैंसर का पता चल सका, जिससे महिला का समय पर इलाज शुरू हो सका।
केस 2-
32 वर्षीय महिला, जो गठेवरा की निवासी हैं, लंबे समय से वाइट वैजिनल डिस्चार्ज की समस्या से पीडि़त थीं। उन्होंने पहले किसी से यह समस्या साझा नहीं की थी। डॉ. गर्ग द्वारा जानकारी मिलने पर उनका पैप स्मीयर टेस्ट किया गया, जिससे समय पर उनकी समस्या का निदान हो सका।
केस 3-
8 वर्षीय बालक के दाहिने कान के पीछे लंबे समय से गांठ थी, की जांच में एफएनएसी के माध्यम से एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस का पता चला। इस तरह से कैंप में किए गए प्रयासों से समय पर बीमारी की पहचान हो सकी।
इनका कहना है
ब्रेस्ट कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का समय पर निदान और जागरूकता ही सफल उपचार की कुंजी है। इस स्क्रीनिंग कैंप ने महिलाओं को जागरूक करने और समय पर निदान की महत्ता को रेखांकित किया, जिससे कई जानें बच सकीं।
डॉ. श्वेता गर्ग, नोडल अधिकारी, कैंसर