रेलवे ने ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियों को देने की कवायद शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड सूत्रों के माने तो रेलवे ने चेन्नई से लम्बी दूरी की टे्रनों के संचालन को निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए अपने 100-दिवसीय एजेंडे को आगे बढ़ा दिया है। हालांकि इसकी अधिकृत घोषणा तो नहीं हुई है पर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। देखा जाएगा कि राजस्व को लेकर क्या परिणाम आता है।
चेन्नई से लम्बी दूरी की टे्रनों पर नजर
रेल मंत्रालय की योजना के अनुसार, दिल्ली-चेन्नई, मुंबई-चेन्नई, हावड़ा-चेन्नई और हावड़ा-मुंबई के अलावा दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जम्मू/कटरा, दिल्ली-हावड़ा, सिकंदराबाद-हैदराबाद, सिकंदराबाद-दिल्ली, मार्गों पर निजी खिलाडिय़ों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया है।
मुंबई-अहमदाबाद, मुंबई-पुणे, मुंबई-औरंगाबाद, मुंबई-मडगाँव, दिल्ली-चंडीगढ़/अमृतसर, दिल्ली-जयपुर/ अजमेर, हावड़ा-पुरी, हावड़ा-टाटा पर इंटरसिटी एक्सप्रेस के लिए निजी खिलाडिय़ों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया है।
हावड़ा-पटना, सिकंदराबाद-विजयवाड़ा, चेन्नई-बेंगलुरु, चेन्नई-कोयम्बटूर, चेन्नई-मदुरै और एर्नाकुलम-त्रिवेंद्रम मार्ग। रेलवे ने निजी खिलाडिय़ों द्वारा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और सिकंदराबाद में उपनगरीय ट्रेनों के संचालन का भी प्रस्ताव दिया है।
उपनगरीय ट्रेनों के संचालन का भी प्रस्ताव
रेलवे ने निजी कंपनियों द्वारा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और सिकंदराबाद में उपनगरीय ट्रेनों के संचालन का भी प्रस्ताव रखा है। रेलवे ने पहले स्पष्ट रूप से कहा था कि ट्रेनों को चलाने के लिए निजी ऑपरेटरों को उलझाने से पहले राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ट्रेड यूनियनों और अन्य हितधारकों से परामर्श करेंगे।
आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण मार्गों पर ट्रेन का संचालन निजी कंपनी को सौंपनी की तैयारी है। यात्रियों को बेहतर सुविधा दिलाने के लिए ये इसपर विचार विमर्श किया जा रहा है। यह निर्णय प्रमुख मार्गों पर ट्रेन के निजिकरण को ट्रेनों का संचालन सौंपने के लिए राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के 100-दिवसीय एजेंडे के तहत किया गया है।
रेलवे के अंदरखाने में चर्चा इस बात की भी है कि ट्रेनों के प्रायवटाइजेशन के बाद लोकोमोटिव, पहिया फैक्ट्री और कोच कारखाने की बारी आ सकती है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार रेलवे ने दोन ट्रेनों को आईआरसीटीसी को सौंपने का निर्णय लिया है।
विदित हो कि ट्रेनों को लम्बे समय से प्राइवेट हाथों में सौपने की बात सामने आती रही है। आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे ट्रेनों के साथ ही रेल कारखाने व पहिए बनाने की फैक्टरी को भी प्राइवेटाईज करने की दिशा में काम कर रहा है।
27 तारीख को होगी बैठक
हाल ही में भारतीय रेलवे ने अपनी दो सबसे शानदार ट्रेन तेजस (नई दिल्ली से लखनऊ और मुंबई से अहमदाबाद) के संचालन की जिम्मेदारी आइआरसीटीसी को देने का एलान कर चुकी है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 27 सितंबर को रेलवे ट्रेनों के निजी संचालन से संबंधित मुद्दों को तय करने के लिए रेलवे बोर्ड के सदस्य और यातायात की अध्यक्षता में वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।
23 सितंबर को केंद्रीय, उत्तरी, उत्तर मध्य, दक्षिण पूर्वी, दक्षिण मध्य और दक्षिणी रेलवे के सभी प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधकों को एक पत्र में, रेलवे बोर्ड के कोचिंग के प्रधान कार्यकारी निदेशक, ए मधुसूदन रेड्डी ने कहा कि 100-दिवसीय कार्य योजना के तहत मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए यात्री ट्रेनों का निजी संचालन शुरू किया जाए।
उन्होंने कहा कि रेलवे के प्रस्ताव के तहत निजी शहरों को जोडऩे के लिए निजी ऑपरेटरों को निजी बोली प्रकिया के तहत ही पहचान की जाएगी।