फिलहाल पुलिस नियमित जांच कर रही थी कि संशोधित मिनी कूपर में क्या क्या बदलाव किए गए। चूंकि यह एक भारी संशोधित वाहन है, तो पुलिस ने कार चालक से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए कहा। जिसमें चालक ने बताया कि उसने अधिकारी ने कार को मॉडिफाई करने के लिए आरटीओ से अनुमति भी मांगी। हालांकि, जब चालक मौके पर अनुमति नहीं दिखा सका, तो पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया। पुलिस ने वाहन पर मोटर व्हीकल एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
RTO से लेनी होती है अनुमति
इस मिनी कूपर की छत को काटकर और पीछे की सीटों को हटाकर पीछे सीट पर बड़े आकार के रेड बुल के साथ एक पिक-अप डिज़ाइन मिलता है जो इसकी बैक सीट पर सेट किया गया है। इतना ही नहीं इस मॉडिफाई कार को एक अलग रंग भी मिलता है, जो कि कानूनी तौर पर अवैध है। बताते चलें, कि आप वाहन में कुछ बदलाव कर सकते हैं, जैसे कि आपकी कार का रंग बदलना, रेन विज़र्स और बम्पर कॉर्नर प्रोटेक्टर जैसे मामूली ऐड-ऑन, टायरों का आकार बदलना और कार निर्माता और इंजन स्वैपिंग के लिए आरटीओ से पहले अनुमति की आवश्यकता होती है।
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मॉडिफाई करने पर हो जाता है चालान
यानी अगर ऊपर दिए गए किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो वाहन मालिक को प्रति परिवर्तन 5,000 रुपये का जुर्माना या छह महीने तक की कैद का भुगतान करना होगा। क्योंकि भारत में ऐसे संरचनात्मक परिवर्तन कानूनी नहीं हैं। भारत का सर्वोच्च न्यायालय और मोटर वाहन अधिनियम सार्वजनिक सड़कों पर चलाने के लिए ऐसे किसी भी संशोधन पर प्रतिबंध लगाता है।