दरअसल, ट्विटर पर द्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट को Quote किया है। उन्होंने इस ट्वीट में कहा, “मुझे नहीं पता था कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की इतनी कमी है।”
इस ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने कहा कि केवल भारत में सीटों की कमी के कारण बड़ी संख्या में बच्चे मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई के लिए यूक्रेन नहीं जाते। वो मेडिकल की महंगी पढ़ाई के कारण भी यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं।
जब पी. वामशिधर रेड्डी नाम के एक यूजर ने आनंद महिंद्रा से कहा कि ‘हाँ आइडिया अच्छा है लेकिन आने संस्थानों की तरह करोड़ में फीस मत रखिएगा।’ इसपर आनंद महिंद्रा ने लिखा इसका ध्यान रखा जाएगा।
मजबूरी में देश के छात्र जाते हैं विदेश
बता दें कि National Medical Commission के अनुसार, एक वर्ष में कुल 90,825 MBBS सीटों के साथ 605 मेडिकल कॉलेज हैं और लगभग 1.6 मिलियन छात्रों ने 2021 में MBBS प्रवेश के लिए NEET की परीक्षा पास की थी।
स्पष्ट है 16 में से केवल एक छात्र ही भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए चुना जाता है। ऐसे में वो यूक्रेन, बेलारूस, रूसी, जॉर्जिया, आर्मेनिया, चीन, फिलीपींस जैसे देशों का रुख करते हैं जो भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में अच्छा है।