सेबी के अनुसार यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा। इसमें कहा गया है कि सेबी ने देखा कि कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड द्वारा लॉन्च किए गए कुछ एफएमपी के निवेशकों को उनकी जुड़ी मैच्योरिटी के अनुसार उक्त योजनाओं के घोषित नेट एसेट वैल्यू (NV) के अधार पर उन्हें आय का भुगतान नहीं कर रहा था।
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50 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना
सेबी ने कोटक एएमसी पर 50 लाख रुपये तक का मौद्रिक जुर्माना भी तय किया है। इसमें छह एफएमपी योजनाओं के यूनिटधारकों से लिया गया इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी शुल्क का एक हिस्सा वापस करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ 15 फीसदी सालाना दर पर ब्याज वापसी का आदेश दिया है। फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान को फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी का विकल्प माना जाता है। इसमें टैक्स की अधिक बचत होती है। एक माह से पांच साल तक का मैच्योरिटी पीरियड होता है।