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RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, नहीं घटेगी आपकी EMI

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा की है। इसमें ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.5 फीसदी पर बरकरार है।

Jun 04, 2021 / 11:43 am

Shaitan Prajapat

RBI Governor Shaktikanta Das

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की हर दो महीने में होने वाली तीन दिवसीय समीक्षा खत्म हो गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा की है। शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.5 फीसदी पर बरकरार है। इस वजह से ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए इस साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित (खुदरा महंगाई) 5.1 फीसदी रह सकती है।


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सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि 2021-22 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 9.5 फीसदी है। यह पहली तिमाही में 18.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.6 प्रतिशत रहेगी। सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है।

 

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आर्थिक वृद्धि 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मॉनसून सामान्य रहने से अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने में मदद मिलेगी। मुद्रास्फीति में हाल में आई गिरावट से कुछ गुंजाइश बनी है। आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए सभी तरफ से नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। आरबीआई का अनुमान है कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी किया है।

टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी को राहत
कोरोना के संकट के समय टूरिज्म एवं हॉस्पिटलिटी सेक्टर को सरकार से कोई राहत नहीं मिली है। अब इन सेक्टर को रिजर्व बैंक के माध्यम से राहत मिल रही है। आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में बैंकों के माध्यम से इन सेक्टर को राहत दी जाएगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि 15 हजार करोड़ रुपये की नकदी की व्यवस्था बैंकों को जाएगी। इससे बैंक होटल, टूर ऑपरेटर, रेस्टोरेंट, प्राइवेस बस, सलोन, एविएशन एंसिलियरी सेवाओं ऑपरेटर आदि को किफायती लोन दे सकेंगे।

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