इससे यह पता चल रहा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर देश के कई राज्यों में लगातार मांग की जा रही है, जिस पर राजनीति पार्टियां भी अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। वहीं कर्मचारी नई पेंशन योजना की कमियां गिनाते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की लगातार मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन योजना (OPS) – पुरानी पेंशन योजना में कार्मचारियों को रिटायर होने पर उनके अंतिम मूल वेतन का 50% दिया जाता है। -पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का लाभ कर्मचारियों को मिलता है।
– पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन का पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के द्वारा किया जाता है। – पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को अपनी तरफ से पेंशन के लिए योगदान देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
– इसमें रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके पति या पत्नी को पेंशन मिलती है। – पुरानी पेंशन स्कीम में सरकार के द्वारा समय-समय पर दिया जाने वाला महंगाई भत्ता भी मिलता है।
– नई पेंशन योजना का पैसा शेयर मार्केट में निवेश होता है, जिससे मिलने वाले रिटर्न के आधार पर पेंशन की राशि तय होती है। – नई पेंशन योजना में कर्मचारी रिटायमेंट के समय 60% पैसा एक बार में ले सकता है। हालांकि अगर वह चाहे तो पूरा पैसा निवेश रहने दे और उसी के आधार पर पेंशन प्राप्त करे।
– नई पेंशन योजना में सरकार के द्वारा समय-समय पर दिया जाने वाला महंगाई भत्ता का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिलता है। – इसमें रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलेगी यह तय नहीं रहती है।
– इसमें जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का लाभ नहीं को मिलता है।