सेंसेक्स 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 261 अंक यानी 1.34% टूटकर 19,282 के स्तर पर रहा। सबसे अधिक गिरावट मझोली और छोटी कंपनियों के शेयर में आई। माइक्रोकैप इंडेक्स तो 5% से अधिक लुढ़क गया। सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे। इससे एक दिन में ही निवेशकों के 7.66 लाख करोड़ रुपए डूब गए। पिछले 4 कारोबारी दिन में बीएएसई में लिस्टेड कंपनियों की बाजार पूंजी 12 लाख करोड़ रुपए घटी है।
कच्चे तेल की कीमतों में उबाल संभव मिडिल ईस्ट में हालात और बिगड़ते हैं तो कच्चे तेल की कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है। अगर यहां से कच्चे तेल में उबाल आता है तो इसका असर महंगाई दर से लेकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर देखने को मिल सकता है। मौजूदा समय में अमरीकी शेयर बाजार में तेजी की जगह गिरने का खतरा ज्यादा नजर आ रहा है। – निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
अब निवेशक क्या करें… शेयर बाजार में आ रही गिरावट के कई कारण हैं। अक्टूबर में बाजार में आया करेक्शन इजरायल-हमास जंग का दायरा बढ़ने की आशंका और अमरीका में एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ने की आशंका के कारण पैनिक सेलिंग की वजह से है। भारतीय बाजार का वैल्यूएशन अधिक होने की वजह से भी मुनाफावसूली हुई है। निवेशकों को इस सेलिंग से घबराकर अपने निवेश से बाहर नहीं निकलना चाहिए। – श्रीकांत चौहान, कोटक सिक्योरिटीज
इन वजहों से आई गिरावट
बॉन्ड प्रतिफल: 10 साल वाले अमरीकी बॉन्ड का प्रतिफल 2007 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। अमरीकी बॉन्ड का प्रतिफल 5.10% हो गया, जिससे निवेश दुनियाभर के बाजारों से बिकवाली कर रहे हैं और सेफ एसेट्स में निवेश कर रहे हैं।
बॉन्ड प्रतिफल: 10 साल वाले अमरीकी बॉन्ड का प्रतिफल 2007 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। अमरीकी बॉन्ड का प्रतिफल 5.10% हो गया, जिससे निवेश दुनियाभर के बाजारों से बिकवाली कर रहे हैं और सेफ एसेट्स में निवेश कर रहे हैं।
रियल एस्टेट संकट: चीन में 40% रियल एस्टेट कंपनियां लोन और बॉन्ड भुगतान पर डिफॉल्ट कर चुकी है। कंट्री गार्डन के लोन डिफॉल्ट से मेटल कंपनियों के शेयर में गिरावट आई है। मिडिल ईस्ट संघर्ष: इजरायल-हमास संघर्ष की चपेट में पूरे मिडिल ईस्ट के आने की आशंका है, इससे भी निवेशक पैनिक सेलिंग कर रहे हैं।