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किस सेक्टर में क्या रहा प्रदर्शन? (GDP Growth Rate)
दूसरी तिमाही के आंकड़े यह बताते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में केवल 2.2% की वृद्धि हुई, जबकि खनन और उत्खनन (Mining and Quarrying) क्षेत्र में -0.1% की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, कृषि क्षेत्र ने 3.5% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले चार तिमाहियों के खराब प्रदर्शन के बाद एक सकारात्मक संकेत है। निर्माण क्षेत्र ने भी 7.7% की वृद्धि दर्ज की, जो स्टील खपत में तेजी के कारण संभव हुआ। सर्विस सेक्टर (GDP Growth Rate) की वृद्धि दर 7.1% रही, जिसमें ट्रेड, होटल और ट्रांसपोर्ट सेगमेंट ने 6% की वृद्धि के साथ योगदान दिया।क्या कंजप्शन में आई है गिरावट?
विशेषज्ञों का कहना है कि निजी खपत में गिरावट GDP की धीमी रफ्तार का प्रमुख कारण है। शहरी मांग में कमी, बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति और उच्च उधारी दर ने उपभोक्ता खर्च पर असर डाला है। खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87% हो गई, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति कमजोर हो गई। भारत के GDP में लगभग 60% का योगदान निजी खपत से आता है। इसके अलावा, कॉर्पोरेट आय में भी कमी दर्ज की गई है। भारतीय कंपनियों ने इस अवधि (GDP Growth Rate) में अपने सबसे कमजोर तिमाही प्रदर्शन की रिपोर्ट की है, जिससे निवेश और विस्तार योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।अनुमानों से कम रही वृद्धि दर
इकोनॉमिक टाइम्स और रॉयटर्स के अलग-अलग सर्वेक्षणों में दूसरी तिमाही के लिए 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, वास्तविक आंकड़े इन अनुमानों से कम रहे। सरकारी खर्च में कटौती और बिजली तथा खनन क्षेत्रों में मानसून के कारण आए व्यवधान ने भी GDP वृद्धि दर को प्रभावित किया। ये भी पढ़े:- रोज 100 रुपए बचाकर Post Office की इस स्कीम में कर दीजिए निवेश, 5 साल में जुड़ जाएंगे लाखों रुपए