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महंगे डीजल का प्रभाव: 15 फीसदी तक महंगे हुए फल और सब्जियां

– एक महीने में 10% बढ़ा ट्रक भाड़ा, अन्य जरूरी सामान के दाम भी बढ़ेंगे- 4.10 लीटर की वृद्धि हुई फरवरी में डीजल के दाम में- 20% इजाफा देखने को मिला है रिटेल में बुकिंग पर- 25% तक महंगाई रिटेल व होलसेल मार्केट में हुई

Mar 04, 2021 / 11:05 am

विकास गुप्ता

महंगे डीजल का प्रभाव: 15 फीसदी तक महंगे हुए फल और सब्जियां

महंगे डीजल का प्रभाव: 15 फीसदी तक महंगे हुए फल और सब्जियां

नई दिल्ली । फरवरी में बढ़े डीजल के दामों का असर ढुलाई में लगे ट्रक भाड़े पर पड़ा है। इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के मुताबिक, फरवरी में ट्रक भाड़े में करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसका असर सभी वस्तुओं की कीमतों पर पड़ा है। फल और सब्जियों के दाम में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। फरवरी के दौरान डीजल के दाम में करीब 4.10 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इसके चलते ट्रांसपोर्टरों ने भाड़े में इजाफा किया है। लंबी दूरी के वाहनों के साथ रिटेल में हुई बुकिंग पर भी इसका असर पड़ा है। यहां 20 फीसदी तक इजाफा देखने को मिला है।

दिल्ली-मुंबई में आठ फीसदी का इजाफा-
दिल्ली-मुंबई के भाड़े में आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। माल भाड़े में हुई वृद्धि के चलते मंडियों में सब्जियों के दाम बढ़े हैं। भाड़े का असर सभी सामानों पर पड़ेगा। दूसरी जरूरी वस्तुओं पर थोक और फुटकर के दाम बढ़ गए हैं। एक माह में ट्रक भाड़े में यह बड़ी वृद्धि है।

बाजार में 25 फीसदी तक असर-
डीजल से ज्यादा महंगाई रिटेल और होलसेल मार्केट में हो गई है। ट्रक के भाड़े में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बाजार में इसका असर 25 फीसदी तक पड़ा है। यही वजह है अभी तक व्यापारियों की ओर से डीजल के दाम में बढ़ोतरी को लेकर कोई विरोध नहीं दिख रहा। इसका असर जनता की जेब पर पड़ा है।

दूध, अंडा व चिकन भी होंगे महंगे-
अगले कुछ महीनों में दूध, अंडा और चिकन के दाम में भी बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। इन व्यवसायों से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कोरोना महामारी, लॉकडाउन और बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री फर्म का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इससे चिकन से लेकर अंडों तक की आपूर्ति प्रभावित हुई है। अब होटल, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हॉल धीरे-धीरे खुल रहे हैं। दूध, अंडे और चिकन की एक तिहाई मांग होटल और रेस्टोरेंट से आती है। ऐसे में अब मांग बढऩी तय है, लेकिन आपूर्ति उस अनुपात में बढऩे की संभावना नहीं है।

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