बता दें कि बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सरकार ने इस बजट सत्र के लिए भारत में सभी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, ईथर, रिपल और अन्य को प्रतिबंधित करने के लिए एक बिल लिस्ट किया है। साथ ही सरकार खुद की क्रिप्टोकरेंसी लाने पर भी विचार कर रही है। सरकार ने सदन में जो बिल लिस्ट कराया है, उसमें आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पर विधायी ढांचे के निर्माण का भी प्रावधान है। इसके साथ ही आरबीआई ने भी 25 जनवरी को एक बुकलेट में रुपए के डिजिटल संस्करण का जिक्र किया था।
आरबीआई रुपए की डिजिटल के लाभ और उपयोगिता के बारे में पता लगाने की कोषिष कर रहा है। इसकी बुकलेट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्राओं ने काफी पॉपुलैरिटी हासिल की है। साथ ही बुकलेट में कहा गया है कि भारत में रेगुलेटरों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया है और इससे उत्पन्न जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। फिर भी, आरबीआई इनकी संभावना के बारे में पता लगा रहा है। साथ ही बुकलेट में यह भी कहा गया है कि अगर देष में करेंसी के डिजिटल संस्करण की जरूरत पड़ती है तो उसे कैसे चालू किया जाए।
बता दें कि साल 2019 में भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की मांग उठी थी। कथित तौर पर यह मांग एक सरकारी बिल में की गई थी। इसमें क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की मांग की गई थी। हालांकि इस बिल को संसद में पेष नहीं किया गया था। अब इससे संबंधित बिल को बजट सत्र में लिस्ट करा दिया गया है। बता दें कि पिछले एक साल में भारत में क्रिप्टोकरंसी के निवेशकों की संख्या और ट्रेडिंग वॉल्यूम में काफी उछाल देखा गया है।