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नए लेबर लॉ होंगे लागूकेन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नए लेबर लॉ एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इसका सीधा असर आपके ड्यूटी टाइम और आपकी सैलेरी पर होगा। इन नियमों के लागू होने के बाद बेसिक सैलेरी का हिस्सा कुल सीटीसी का 50 फीसदी या उससे अधिक होना जरूरी है। ऐसे में हो सकता है कि आपकी कुल सीटीसी तो वही रहे परन्तु आपके हाथ में आने वाली कैश-इन-हैंड सैलेरी कम हो जाए।
चार दिन का हो सकता है सप्ताह
नए लेबर लॉ के अनुसार अब सप्ताह में 48 घंटे काम करना अनिवार्य होगा। हालांकि कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से चार दिन 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम कर हफ्ते में बाकी के तीन दिन छुट्टी रख सकते हैं।
नए लेबर लॉ के अनुसार अब सप्ताह में 48 घंटे काम करना अनिवार्य होगा। हालांकि कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से चार दिन 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम कर हफ्ते में बाकी के तीन दिन छुट्टी रख सकते हैं।
पोस्टऑफिस से पैसे के लेनदेन पर लगेगा चार्ज
अगर पोस्टऑफिस में आपका बचत खाता है तो आपको एक अप्रैल से कुछ नियमों का ध्यान रखना होगा। उदाहरण के लिए बचत खाते में यदि आपने एक महीने में 4 बार से ज्यादा कैश निकाला तो आपको निकासी को 0.50 फीसदी निकासी शुल्क देना होगा। इसके अलावा यदि आप पूरे महीने में 25000 रुपए से ज्यादा निकालते हैं तो आपको 0.50 फीसदी या 25 रुपए निकासी शुल्क देना होगा। इसी तरह यदि आप खाते में 10,000 रुपए से ज्यादा पैसा जमा करवाते हैं तो भी आपका जमा होने वाली राशि का 0.50 फीसदी चार्ज देना होगा। सरल शब्दों में अब पोस्टऑफिस में पैसे निकालने और जमा करवाने दोनों पर ही पाबंदी लगा दी गई है।
अगर पोस्टऑफिस में आपका बचत खाता है तो आपको एक अप्रैल से कुछ नियमों का ध्यान रखना होगा। उदाहरण के लिए बचत खाते में यदि आपने एक महीने में 4 बार से ज्यादा कैश निकाला तो आपको निकासी को 0.50 फीसदी निकासी शुल्क देना होगा। इसके अलावा यदि आप पूरे महीने में 25000 रुपए से ज्यादा निकालते हैं तो आपको 0.50 फीसदी या 25 रुपए निकासी शुल्क देना होगा। इसी तरह यदि आप खाते में 10,000 रुपए से ज्यादा पैसा जमा करवाते हैं तो भी आपका जमा होने वाली राशि का 0.50 फीसदी चार्ज देना होगा। सरल शब्दों में अब पोस्टऑफिस में पैसे निकालने और जमा करवाने दोनों पर ही पाबंदी लगा दी गई है।
डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ऑटो पेमेंट होगा बंद
यदि आपने अपने लोन की रिपेमेंट, मोबाइल रिचार्ज या इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट को क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए ऑटो मोड पर किया हुआ है तो आपको बता दें कि एक अप्रैल से यह सुविधा भी बंद होने जा रही है। अक्सर हम लोग ऑटो मोड ऑन कर निश्चिंत हो जाते हैं कि अपने आप ही पैसे जाते रहेंगे। इसके लिए न तो कोई नोटिफिकेशन आता है और न ही कोई ओटीपी। ऐसे में फ्रॉड होना आसान हो जाता है। रिजर्व बैंक ने इसी फ्रॉड की आशंका को रोकने के लिए अब नए नियम बनाए हैं। इनके जरिए पेमेंट की ड्यू डेट से 5 दिन पहले ग्राहकों को एक नोटिफिकेशन भेज कर ग्राहक की अनुमति लेनी होगी। उसके बाद ही ऑटो पेमेंट हो सकेगा। इसी तरह 5000 रुपए से अधिक के पेमेंट पर भी ओटीपी अनिवार्य कर दिया गया है।
यदि आपने अपने लोन की रिपेमेंट, मोबाइल रिचार्ज या इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट को क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए ऑटो मोड पर किया हुआ है तो आपको बता दें कि एक अप्रैल से यह सुविधा भी बंद होने जा रही है। अक्सर हम लोग ऑटो मोड ऑन कर निश्चिंत हो जाते हैं कि अपने आप ही पैसे जाते रहेंगे। इसके लिए न तो कोई नोटिफिकेशन आता है और न ही कोई ओटीपी। ऐसे में फ्रॉड होना आसान हो जाता है। रिजर्व बैंक ने इसी फ्रॉड की आशंका को रोकने के लिए अब नए नियम बनाए हैं। इनके जरिए पेमेंट की ड्यू डेट से 5 दिन पहले ग्राहकों को एक नोटिफिकेशन भेज कर ग्राहक की अनुमति लेनी होगी। उसके बाद ही ऑटो पेमेंट हो सकेगा। इसी तरह 5000 रुपए से अधिक के पेमेंट पर भी ओटीपी अनिवार्य कर दिया गया है।
अब EPF पर भी लगेगा टैक्स
अब तक EPF पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लिया जाएगा। इसका सीधा असर भी आपकी जेब पर होगा, विशेषकर वे लोग जिन्होंने अपने बुढ़ापे को ध्यान रखते हुए ईपीएफ या पीएफ में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने का विकल्प चुना है।
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ऑटोमोबाइल सेक्टर में होगा बड़ा बदलाव
देश में नई वाहन नीति को जोर-शोर से लागू किया जा रहा है। इसके तहत 15 वर्ष पुराने वाहनों को स्क्रैप में भेजने की योजना पर काम चल रहा है। इसके साथ ही कारों में सेफ्टी के लिए आगे की दोनों सीटों पर एयरबैग्स होना अनिवार्य कर दिया गया है। अब एक अप्रैल से बिना एयरबैग्स वाली कारें नहीं चला पाएंगे।
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर भी लगेगा टैक्स
इक्विटी शेयर पर एक लाख रुपए तक का अमाउंट टैक्स फ्री होगा परन्तु एक लाख रुपए से ऊपर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर दस फीसदी की दर से टैक्स लिया जाएगा।
इक्विटी शेयर पर एक लाख रुपए तक का अमाउंट टैक्स फ्री होगा परन्तु एक लाख रुपए से ऊपर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर दस फीसदी की दर से टैक्स लिया जाएगा।