बूंदी

गोशाला तैयार करेगी गोकाष्ठ, सरकार ने सौ गोशालाओं को किया चिन्हित

प्रदेश की चयनित गोशालाओं में अब गोबर से लकड़ी (गौ काष्ठ) बनाई जाएगी। गोपालन विभाग ने इसको लेकर कदम बढ़ाया है। गोकाष्ठ का उपयोग अंत्येष्टि,पूजन और अन्य कार्यों में होगा। प्रदेश की 600 गोवंश वाली 100 गोशालाओं में यह मशीन स्थापित की जाएगी।

बूंदीDec 13, 2024 / 12:19 pm

Narendra Agarwal

गौशाला का निरीक्षण

बूंदी.प्रदेश की चयनित गोशालाओं में अब गोबर से लकड़ी (गौ काष्ठ) बनाई जाएगी। गोपालन विभाग ने इसको लेकर कदम बढ़ाया है। गोकाष्ठ का उपयोग अंत्येष्टि,पूजन और अन्य कार्यों में होगा। प्रदेश की 600 गोवंश वाली 100 गोशालाओं में यह मशीन स्थापित की जाएगी।मशीन 75 हजार रुपए की आएगी, जिसमें 20 फीसदी हिस्सा गोशाला प्रबंधक व 80 फीसदी हिस्सा गोपालन विभाग देगा। बूंदी में इस योजना के तहत तीन गोशालाओं का चयन किया गया है। योजना के तहत कोई भी लाभार्थी गोशाला प्राप्त गोकाष्ठ मशीन का बेचान नहीं कर सकेगी। इसके अलावा काष्ठ की अनुमानित विक्रय दर आठ रुपए प्रति किलोग्राम होगी। उक्त दर में आवश्यकतानुसार संशोधन जिला गोपालन समिति के स्तर से किया जा सकेगा।
5 मुक्तिधाम, हर माह 60 अंत्येष्टि
रोटरी मुक्तिधाम के अध्यक्ष के.सी.वर्मा ने बताया कि बूंदी शहर में पांच मुक्तिधाम है। उनमें औसत एक माह में करीब 50 से 60 अंत्येष्टि होती है। एक अंत्येष्टि में करीब पांच से छह ङ्क्षक्वटल लकड़़ी का उपयोग होता है। ऐसे में एक माह में 300 ङ्क्षक्वटल से अधिक लकड़ी चाहिए,जो गौ काष्ठ का उपयोग करने पर बच सकती है। वर्मा के अनुसार एक अंत्येष्टि में करीब दो पेड़ की लकड़ी उपयोग होता है। अब गोशाला में गोकाष्ठ बनने से पेड़ों की कटाई में विराम लगेगा। विभागीय अधिकारी के अनुसार एक अनुमान के मुताबिक 1 क्विटंल गोबर से 1 ङ्क्षक्वटल गोकाष्ठ बनाई जा सकती है।
इन कार्यों में होगा उपयोग, मिलेगा सवंर्दन
गोकाष्ठ का उपयोग श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही होलिका दहन,यज्ञ जैसे धार्मिक आयोजनों सहित फैक्ट्री व रेस्टोरेंट आदि में किया जा सकता है। गांव में गोकाष्ठ का उपयोग कंडों की जगह खाना बनाने में किया जा सकता है। इससे ज्यादा धुआं नहीं निकलता। प्रदेश की गोशालाओं में पहली बार गोकाष्ठ बनाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार सरकार के इस प्रयोग से गोशालाओं में आय बढ़ेगी। साथ ही गोशालाओं का सवंर्दन होगा।
जिले की तीन गौशालाओं का चयन
बूंदी जिले में 23 गोशाला है। इनमें से 600 से अधिक गोवंश वाली तीन गोशाला गोपाल गोशाला डाबी, बड़ा रामद्वारा गोशाल नैनवां रोड व जयनिवास गोशाला ठीकरदा इसमें शामिल है। इसमें गोबर एकत्रित होगा, उसका गोकाष्ठ बनाया जाएगा। 13 दिसंबर को गोकाष्ठ मशीन को जिले में भेजा जाएगा।
इनका कहना है
गोशालाओं को गोकाष्ठ मशीन उपलब्ध कराने से आय अर्जित होगी। एक मशीन 75 हजार रुपए की लागत आएगी। इसमें 20 फीसदी गोशाला प्रबंधक और 80 फीसदी गोपालन विभाग देगा। इससे गोशालाओं को आर्थिक संबल मिलेगा। जिले की तीन गौशालाओं का इस योजना में चयन हुआ है। गौ काष्ठ का उपयोग धार्मिक रूप से करने के साथ मुक्तिधाम में अंत्येष्टि के लिए और उद्योगों में भी किया जा सकता है।
डॉ.रामलाल मीणा, संयुक्त निदेशक,पशुपालन विभाग, बूंदी

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