करवर पुलिस थानाधिकारी देवकरण जाट ने बताया कि थाना क्षेत्र के माणी गांव में सोमवार को दबिश दी गई, जिसमें साइबर ठगी करते विकास (20), प्रकाश (26), राम लखन(26) व दिनेश (25) सहित तीन नाबालिगों को डिटेन किया गया तथा इनके मोबाइल फोन की जब्त कर जांच की गई। आरोपी सोशल मीडिया पर अलग अलग ग्रुप बनाकर राजस्थान सहित अन्य राज्य के लोगों को जोड़कर उन्हें लुभावने ऑफर देकर राशि को कई गुना बढ़ाकर वापस लौटाने का झांसा देते पाए गए। वहीं आरोपियों के खाते में विभिन्न ऑनलाइन ट्रांजेक्शन मिले। आरोपी विभिन्न तरीकों से लोगों से राशि लगवाकर साइबर ठगी को अंजाम देते थे। फिर लोगों से ठगी राशि से महंगी गाड़ियां सहित अपने बड़े शौक पूरा करते थे। वहीं आरोपी शेयर मार्केट में भी ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करते थे, जिसे ऑनलाइन सट्टा या सटका मटका कहते है। ऐसे शातिर साइबर ठगों को ग्रामीण इलाकों में टिप्पर कहते है।
करीब साढ़े पांच सौ खाते फ्रीज या राशि होल्ड
करवर क्षेत्र के साइबर ठग या टिप्परों से जुड़े बैंक खाते या तो फ्रीज है या उनकी राशि होल्ड है। कई गरीब ओर मजदूर लोग अपने बैंक खातों की समस्या से परेशान है। करवर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक सहित इंद्रगढ़ स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ऐसे खातों की संख्या करीब साढ़े पांच सौ के आस पास है, जिनमें साइबर ठगों से शिकार हुए भोले भाले लोग भी शामिल है।
दुकानदार ग्राहकों से यूपीआई से नहीं लेते राशि
करवर कस्बे में अधिकांश दुकानदारों ने यूपीआइ के माध्यम से ग्राहकों से लेन देन बंद कर दिया है। साइबर ठगो की वजह से कई दुकानदारों सहित अन्य लोगो के खाते भी फ्रीज या राशि होल्ड है। ऐसे लोग अपने खातों का समाधान भी नहीं करा पा रहे है। करवर व इंद्रगढ़ क्षेत्र में साइबर ठग या टिप्पर काफी संख्या में है। इनकी वजह से दुकानदार या अन्य लोग यूपीआई के माध्यम से लेन देन करने में डरते है। जानकारों से ही यूपीआई के माध्यम से लेन देन करते है।