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बूंदी

सुविधाओं को तरस रहा ‘बूंदी का मिनी खजुराहो’

बूंदी जिले में मिनी खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध कमलेश्वर महादेव मंदिर क्वांलजी हाड़ौती में धार्मिक आस्था का केंद्र है।

बूंदीNov 09, 2020 / 09:37 pm

पंकज जोशी

सुविधाओं को तरस रहा ‘बूंदी का मिनी खजुराहो’

सुविधाओं को तरस रहा ‘बूंदी का मिनी खजुराहो’
कमलेश्वर महादेव मंदिर क्वांलजी की स्थिति
बड़ाखेड़ा. बूंदी जिले में मिनी खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध कमलेश्वर महादेव मंदिर क्वांलजी हाड़ौती में धार्मिक आस्था का केंद्र है। मन्दिर में कलात्मक मूर्तियां स्थापत्य कला प्रमुख रूप से आकर्षण का केंद्र बिंदु है, लेकिन इसके संरक्षण को लेकर कोई खास प्रयास नहीं होने से सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। यहां के लोगों ने इसे सुरक्षित करने की मांग की है।
स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण
मन्दिर में तीन तरह की कलात्मक मूर्तियां उत्तम स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है। इन पर जीवन दर्शन को दर्शाती कला को बड़ी बारीकी से पत्थरों पर उकेरा गया है। मन्दिर के आसपास पुरामहत्व की प्राचीन बस्तियां और कुछ साक्ष्य मौजूद हैं। यह स्थल पुरामहत्व के विषय के शोधार्थियो के लिए अध्ययन का महत्वपूर्ण केंद्र है। मन्दिर के दायीं ओर पहाड़ पर प्रतिमाएं बनाने की पूरी वर्कशाप मौजूद है। यह सब तथ्य इस स्थान को पर्यटन स्थल बनाने की पूरी संभावना को मजबूत करते हैं।
जीवंत स्टोन वर्कशाप मौजूद
मन्दिर के दायीं ओर पहाड़ी पर जीवंत स्टोन वर्कशाप मौजूद है। जो मन्दिर निर्माण की कहानी कहती है। यहां अधूरी प्रतिमाएं और बड़े बड़े शिलाखंडो को तराशने के पूरे चिन्ह मौजूद हैं। वहीं मन्दिर के आसपास प्राचीन बस्तियों के अवशेष भी हैं। यहाँ राजा हम्मीर काल के सिक्के मिल चुके हैं। वहीं मृदभाड और स्टोन टूल भी मिले है।
बाघों का रहता है मूवमेंट
कमलेश्वर महादेव मंदिर परिक्षेत्र रणथंभौर टाइगर रिजर्व के करीब होने से यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं है। इस क्षेत्र में अक्सर बाघों का मूवमेंट रहता है।
लगता है मेला, चर्म रोगियों की रहती है अधिकता
कमलेश्वर महादेव मंदिर पर केवल आस्था का धाम है ,प्रत्येक माह की चतुर्दशी व अमावस्या को श्रद्धालुओं का जमघट लगता है। कई राज्यों से श्रद्धालु यहां स्नान करने आते है। मान्यता है कि यहां चर्मरोगियों को राहत मिलती है।

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