यह भी पढ़ें- Mahashivratri आज जपेंगे शिव के ये मंत्र तो पूरे साल नहीं आएगी कोई विपदा, सभी कष्ट होंगे दूर बता दें कि महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में रामघाट गंगा घाट पर प्रत्येक वर्ष करीब आठ लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इस वर्ष यह संख्या 10 लाख पार कर गई। बुधवार को देर रात राजस्थान, मथुरा, वृंदावन, अलीगढ़, हाथरस और आगरा आदि क्षेत्रों से कांवड़ियों के जत्थे जल भरने गंगा घाट पर पहुंचने लगे। जल भरने के बाद गंतव्य की तरफ रवाना होने व दूसरी तरफ से जल लेने वालों के आने के दौरान रामघाट के एलजीसी व पीएलजीसी नहरों के संकरे पुल पर दोनों तरफ कावंडिय़ों की भीड़ लग गई। पुलों पर अत्याधिक भीड़ हो जाने के कारण श्रद्धालुओं की कांवड़ आपस में टकराकर खंडित होना शुरू हो गईं। पुल पर भगदड़ मच गई। कई कांवड़िये और आम लोग सड़क पर गिर गए। भगदड़ के दौरान कुछ पैरों तले भी दबे। इस दौरान पुलिस बेबस नजर आई।
हालात बिगड़ते देख जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, एसएसपी संतोष कुमार सिंह, एसपी सिटी, एसडीएम डिबाई, सीओ शिकारपुर कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और कांवड़ियों को समझाते हुए व्यवस्था बनानी शुरू की। एसएसपी ने रामघाट गंगा तट पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए रामघाट तिराहे पर बैरिकेटिंग कराई।