राहत की उम्मीद
बता दें कि आपदा के समय में भी भारत में 12 स्टार्टअप यूनीकार्न (एक अरब डॉलर की कंपनी) का तमगा हासिल कर चुके हैं। स्टार्टअप कंपनियों को भी बजट 2021 में राहत की उम्मीद है। इन कंपनियों ने बजट 2021 में कंपनियों के शेयर हिस्सेदारी को लेकर पूरी तरह टैक्स छूट की मांग की है। स्टार्टअप वीडियोमीट के सीईओ डॉ. अजय दत्ता का कहना है कि भारत स्टार्टअप का तीसरा सबसे बड़ा देश है और इस साल का बजट बेहद निर्णायक हो सकता है।
बता दें कि आपदा के समय में भी भारत में 12 स्टार्टअप यूनीकार्न (एक अरब डॉलर की कंपनी) का तमगा हासिल कर चुके हैं। स्टार्टअप कंपनियों को भी बजट 2021 में राहत की उम्मीद है। इन कंपनियों ने बजट 2021 में कंपनियों के शेयर हिस्सेदारी को लेकर पूरी तरह टैक्स छूट की मांग की है। स्टार्टअप वीडियोमीट के सीईओ डॉ. अजय दत्ता का कहना है कि भारत स्टार्टअप का तीसरा सबसे बड़ा देश है और इस साल का बजट बेहद निर्णायक हो सकता है।
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कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम के कल्चर से लाइफस्टाइल के नए क्षेत्रों में स्टार्टअप के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं। डॉ. अजय दत्ता का कहना है कि स्टार्टअप में जटिलताएं पैदा न हों इसके लिए डॉक्यूमेंटेशन, नियम-शर्तों को आसान बनाए जाने की जरूरत है। स्टार्टअप संगठनों की ओर से स्टार्टअप के लिए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के लिए बजट बढ़ाने की मांग भी की गई है।
कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम के कल्चर से लाइफस्टाइल के नए क्षेत्रों में स्टार्टअप के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं। डॉ. अजय दत्ता का कहना है कि स्टार्टअप में जटिलताएं पैदा न हों इसके लिए डॉक्यूमेंटेशन, नियम-शर्तों को आसान बनाए जाने की जरूरत है। स्टार्टअप संगठनों की ओर से स्टार्टअप के लिए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के लिए बजट बढ़ाने की मांग भी की गई है।
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पूरी तरह ऑनलाइन कामकाज करने वाले संस्थाओं, संगठनों के लिए विशेष टैक्स छूट, रियायती दरों पर कर्ज, पूंजी मुहैया कराने की मांग भी रखी गई है। डॉ.दत्ता का कहना है कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक स्वतंत्र संगठन बनाने का कदम भी अच्छा हो सकता है, ताकि सरकार के समक्ष समुदाय की मांगों को प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके और संवाद बेहतर बनाया जा सके।
पूरी तरह ऑनलाइन कामकाज करने वाले संस्थाओं, संगठनों के लिए विशेष टैक्स छूट, रियायती दरों पर कर्ज, पूंजी मुहैया कराने की मांग भी रखी गई है। डॉ.दत्ता का कहना है कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक स्वतंत्र संगठन बनाने का कदम भी अच्छा हो सकता है, ताकि सरकार के समक्ष समुदाय की मांगों को प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके और संवाद बेहतर बनाया जा सके।