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नए प्राइमरी हेल्थकेयर इंफ्रा पर खर्च बढ़ाया जाए
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 ने पूरी दुनिया के हेल्थकेयर सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। भारत में सरकार के त्वरित फैसलों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के अथक प्रयासों की वजह से हालात पर काबू पाया। इस दौरान हेल्थकेयर सेक्टर की खामियां और भविष्य के लिए जरूरी तैयारी के बारे में पता चला। सर्वे में 67.3 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर को मजबूत करने के लिए प्राइमरी हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाना चाहिए। वहीं, 62.9 फीसदी लोगों को उम्मीद है कि सरकार को नए प्राइमरी हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए निवेश करना चाहिए।
हेल्थकेयर पर खर्च दोगुना
हेल्थकेयर के मामले में भारत लो इनकम या लोअर मिडिल इनकम वाले देशों की तुलना में भी अंडरपरफॉर्मर रहा है। पिछले बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का बजट 67,112 करोड़ रुपये आवंटित किया था। इसमें प्रधानमंत्री सवास्थ्य सुरक्षा योजना और परिवार कल्याण योजनाओं के क्रमश: 6,020 और 600 करोड़ रुपये शामिल थे। कोरोना वैक्सीनेशन के चलते इस साल मंत्रालय का बजट बढ़ने की संभावना है। इसे दोगुना किया जा सकता है। वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक, हेल्थ पर सरकारी खर्च के मामले में 189 देशों की रैंकिंग में भारत 179वें स्थान पर है।