‘हमारे विकल्प को चुनेंगे कई जोड़े’
दिया मिर्जा ने अपनी पोस्ट में लिखा,’ मैं 19 साल से मेरी हर सुबह मेरे घर के गॉर्डन में बिताती आई हूं। यह मेरी शादी के लिए परफेक्ट जगह थी। इस शादी को बिना प्लास्टिक और वेस्ट के सम्पन्न करवाने पर बहुत गर्व महसूस कर रही हूं। हमने सजावट के लिए भी पूरी तरह से बॉयोडिग्रेडेबल और नेचुरल सामान का उपयोग किया। सबसे बड़ी बात थी वैदिक पद्धति से महिला पुरोहित के द्वारा शादी समारोह आयोजित करना। मैंने जीवन में अपनी बचपन की सहेली अनन्या की कुछ साल पहले हुई शादी में ही महिला पुरोहित देखी थी। मेरी और वैभव की शादी के लिए अनन्या का गिफ्ट उसकी आंटी और महिला पुरोहित का शादी करवाना ही था। उसने शीला अत्ता के श्लोकों का अनुवाद करने में काफी मदद भी की। इस तरह से शादी करना वाकई शानदार रहा। हम उम्मीद करते हैं कि कई और जोड़ो शादी के लिए इसी तरह का रास्ता अपनाएंगे। क्योंकि महिला के हृदय में ही प्यार, जादुई शक्ति, दया और गहरी भावनाएं वास करती हैं। अब समय है कि महिलाएं अपनी शक्ति को समझें और पुरानी चीजों को फिर से परिभाषित करें। इसलिए महिला के सशक्तिकरण के रूप में यह देखना कितना अच्छा है कि शादी में प्रमुख स्थान महिला को मिले। साथ ही हमने कन्यादान और विदाई को भी ना कहा। क्योंकि बदलाव चॉइस से ही आता है।
दोनों की दूसरी शादी
गौरतलब है कि दीया की यह दूसरी शादी है। उन्होंने पहली शादी साहिल सांघा से की थी, जो 5 साल चली। वहीं, वैभव की भी यह दूसरी शादी है। उन्होंने पहली शादी फिजियोथैरेपिस्ट सुनैना से की थी। इस शादी से उनके एक बेटी समायरा है। समायरा ने अपने पिता वैभव की दूसरी शादी अटेंड की थी। इस पर मां सुनैना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बचपन में समायरा ने मां-बाप का प्यार नहीं देखा था। कम से कम अब तो वह शादी में प्यार देख रही है।