वो प्यार से अपने बेटे को लाइन पर ले आएंगी दरअसल संजय को बचपन से ही घर में सारी सुख सुविधाएं मिली। परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और माता-पिता दोनों अपने फिल्मी करियर में बिजी थे, इसी दौरान पढ़ाई में दिलचस्पी ने होने के बावजूद पिता के कहने पर संजय ने कॉलेज जाना शुरू किया और इसी बीच वो गलत संगत में पड़ गए और उन्हें गांजा और ड्रग्स की लत लग गई।
संजय के पिता सुनील दत्त को संजय के गांजे और ड्रग्स की लत के बारे में कोई खैर खबर नहीं थी, लेकिन उनकी मां नरगिस को इसका एहसास हो गया था। लेकिन इस बारे में उन्होंने पति सुनील दत्त को कुछ नहीं बताया। उन्हें लगा की वो प्यार से अपने बेटे को लाइन पर ले आएंगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जब सुनील दत्त को इस बारे में पता चला, तो उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा।
संजय को काम में बिजी रखना शुरू कर दिया इसके बाद उन्होंने संजय को काम में बिजी रखना शुरू कर दिया। उन्हें लगा कि इससे संजय दत्त के ड्रग्स लेने की बुरी लत छूट जाएगी। इसके लिए जहां सुनील ने संजय को डेब्यू फिल्म की तैयारी में लगा दिया। वहीं, दूसरी तरफ कैंसर से पीड़ित उनकी मां नरगिस दत्त की तबीयत बिगड़ने लगी और अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जहां, एक ओर सुनील समेत पूरा परिवार नरगिस की वजह से बहुत टेंशन में था। वहीं, नरगिस को बेटे के नशे की चिंता खाए जा रही थी। सुनील दत्त ने फिल्मों के प्रीमियर के लिए घर में ही थिएटर बनवा लिया था। ताकि नरगिस बेटे की डेब्यू फिल्म देख सकें। लेकिन 8 मई को फिल्म के प्रीमियर से पहले अचानक नरगिस की तबीयत बिगड़ने लगी और 3 मई को उनकी मौत हो गई।
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इलाज के बाद पता चला मां की मौत का सच नरगिस की मौत पर रोने की बजाय संजय बहन प्रिया दत्त से चरस मांग रहे थे। क्योंकि उस समय संजय को नशे की लत इस कदर लग चुकी थी कि उन्हें पता ही नहीं था कि घर में क्या हो रहा है। उनकी ऐसी हालत देख सुनील पूरी तरह से टूट गए थे। एक तरफ अपनी पत्नी के जाने का गम और दूसरी तरफ बेटे की ऐसी हालत। सुनील पूरी तरह से मानों टूट चुके थे। इसके बाद संजय को इलाज के लिए जर्मनी, इसके बाद अमेरिका ले जाया गया। इलाज के बाद संजय को पता चला कि उनकी मां का निधन हो गया है जब जाकर वो खूब रोए। इतने रोए कि चार दिन तक लगातार रोते ही रहे। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं।