विनोद खन्ना का जन्म भले ही पेशावर में हुआ था लेकिन पार्टिशन के दौरान उनका परिवार मुंबई आ गया था। जहां उनके पिता कपड़ो और केमिकल बनाने का बिजनेस करते थे। विनोद खन्ना कुछ साल दिल्ली में भी रहे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विनोद खन्ना का रुझान एक्टिंग की तरफ हुआ और उन्होंने थियेटर ज्वॉइन कर लिया। विनोद खन्ना ने थियेटर करने के बाद बॉलीवुड के लिए ट्राई किया। उनकी पहली फिल्म मन का गीत थी। इस फिल्म में विनोद खन्ना की अपोजिट सुनील दत्त (Sunil Dutt) हीरो के रोल में थे जबकि उन्हें विलेन का रोल मिला था। विनोद खन्ना एक के बाद एक हिट फिल्में देते रहे और फिर उन्होंने उनकी थियेटर के दौरान की दोस्त गीतांजलि से शादी कर ली। जिससे उनके दो बेटे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हैं।
विनोद खन्ना ने अपने एक्टिंग करियर में 150 से ज्यादा फिल्मों (Vinod Khanna films) में काम किया। उन्होंने अमर, अकबर, ऐंथनी, मुकद्दर का सिकंदर, रखवाला, हत्यारा, इंकार, आप की खातिर, दौलत और इंसाफ जैसी कई फिल्मों में काम किया। विनोद खन्ना की लाइफ में स्टारडम हासिल करने के बावजूद एक खालीपन सा था।
विनोद खन्ना ने अपने बड़े से बंगले को छोड़कर अध्यात्म (Vinod Khanna Sanyasi) की तरफ चले गए। उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि पैसा और फेम होने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में कुछ कमी सी महसूस होती है। इसलिए वो सन्यास ले रहे हैं। विनोद ने अपना परिवार छोड़ अमेरिका में आध्यात्मिक गुरु ओशो के आश्रम को अपना निवास स्थान बना लिया था। 1982 से 1987 तक वो वहीं रहे। उसके बाद कुछ कारणों से उनका पत्नी से तलाक हो गया। बाद में उन्होंने 1990 में दूसरी शादी कर ली। साल 1988 में आई फिल्म दयावान की वजह से विनोद खन्ना काफी सुर्खियों में रहे थे। इस फिल्म में उनके माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) के साथ इंटीमेट सीन्स देते वक्त वो बेकाबू हो गए थे।