बॉलीवुड

मनोरंजन को आवश्यक सेवाओं के रूप में लेबल नहीं किया गया,लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता: श्वेता त्रिपाठी

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे पता है कि हमें आवश्यक सेवाओं के रूप में लेबल नहीं किया गया है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि आपको हमेशा मनोरंजन की आवश्यकता होगी।

Sep 01, 2020 / 10:13 am

Mahendra Yadav

मनोरंजन को आवश्यक सेवाओं के रूप में लेबल नहीं किया गया,लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता: श्वेता त्रिपाठी

फिल्म ‘मसान’ की अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी शर्मा का कहना है कि परफॉमिंग आर्ट हमेशा मौजूद रहेगा। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे पता है कि हमें आवश्यक सेवाओं के रूप में लेबल नहीं किया गया है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि आपको हमेशा मनोरंजन की आवश्यकता होगी। श्वेता ने ‘टाइमलॉस’ में अभिनय किया है, जो एक डिजिटल नाटक है। इसका निर्माण अक्वारियस प्रोडक्शंस द्वारा किया गया है। इसका प्रीमियर फ्रंट एंड सेंटर, पेटीएम इन्साइडर थियेटर पहल के तहत 29 अगस्त को हुआ है।
रंगमंच और अभिनय के साथ उनकी व्यस्तता पर पूछे जाने पर श्वेता ने कहा, ‘मेरे माता-पिता और बहन हमेशा से सांस्कृतिक कला की ओर झुकाव रखते हैं। मुझे याद है कि हम पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल के नाटकों को देखते थे। नियमित रूप से दिल्ली के कमानी सभागार जाते थे और हेमा मालिनी की नृत्य-मंडली को भी देखने जाते थे। मेरे पिता एक आईएएस अधिकारी और मां शिक्षिका रही हैं। अब दोनों सेवानिवृत्त हो गए हैं और उनका मानना था कि आपको पुस्तकों से वही ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, जो उसमें हैं, लेकिन कलाओं के माध्यम से आपका व्यक्तित्व विकसित होता है। इसलिए जब मैं छोटी थी, तभी से मुझे अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया और मुझे मंच पर रहने का आनंद मिला। आपके परिवार से मिलने वाला समर्थन और आपको मिले जिंदगी के सबक भी आपके शिल्प और कौशल के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने आगे कहा, मैंने, बॉम्बे (मुंबई) जाने होने के बाद सिर्फ मंच पर पेशेवर रूप से अभिनय करना शुरू किया। एक बात है कि मैं थेस्पो के लिए बहुत आभारी हूं, वह एक युवा थिएटर फेस्टिवल है, जिसने मुझे बॉम्बे में थिएटर सर्किट से परिचित कराया। मेरे सबसे करीबी दोस्त रंगमंच से ही मिले हैं, मैं अपने पति से रंगमंच के माध्यम से मिली, इसलिए इसने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैंने आदिशक्ति थिएटर में थिएटर वर्कशॉप, थियेटर प्रोफेसनल्स के पोंडिचेरी और इंटेसिव ड्रामा प्रोग्राम से बहुत कुछ सीखा है।’
अभिनेत्री ने ‘टाइमलॉस’ के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, ‘आकर्ष खुराना मेरे पति चैतन्य शर्मा के पास पहुंचे और उनके नए डिजिटल थिएटर प्रोडक्शन टाइमलॉस में मुझे अभिनय करने के लिए कहा। हम उन्हें जानते हैं, उनसे लगाव भी है और उनके साथ कई सालों तक काम किया है इसलिए हम साथ काम करने की इस नई संभावना से बहुत उत्साहित थे। प्रोडक्शन दो कलाकारों की कहानी बताता है जो एक कपल हुआ करते थे और उन्होंने एक साथ एक लघु फिल्म की शूटिंग की थी, जिसे फिर से करने के लिए दस साल बाद उन्हें फिर से एक साथ आने की जरूरत पड़ती है। चैतन्य और मैं फिल्म में युवा जोड़े की भूमिका निभाते हैं, जबकि सिद्धार्थ कुमार और दिलशाद एडिबम खुराना हमारे किरदारों को दस साल के बाद निभाते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए हमारे हिस्से को एक लघु फिल्म की तरह शूट किया गया था, जिसका सेट घर में बना। हमने अपनी स्क्रिप्ट पर काम किया और फिर शूट से एक दिन पहले रिहर्सल के लिए मिले। और फिर एक पूरा दिन हमने ²श्यों की शूटिंग में बिताया।’

Hindi News / Entertainment / Bollywood / मनोरंजन को आवश्यक सेवाओं के रूप में लेबल नहीं किया गया,लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता: श्वेता त्रिपाठी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.