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रिजेक्ट की हुईं फिल्म अमिताभ के पास गईं
अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने फिल्मी करियर को लेकर खुलकर बात की। जिसमें उन्होंने कुछ ऐसी फिल्मों के बारें में बात की जो उनको ऑफर तो हुई लेकिन रिजेक्ट करने के बाद अमिताभ बच्चन के पास चली गईं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कभी कोई दुख नहीं हुआ और ना ही कभी पछतावा हुआ। उन्होंने यह बात मान ली थी कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा होना बेहद ही आम सी बात है। आपको बता दें दीवार, शोले, सत्ते पे सत्ता जैसी बड़ी फिल्म अभिनेता ने रिजेक्ट की थी। जिसे बिग बी ने की थी।
निजी कारणों से की फिल्में रिजेक्ट
शत्रुघ्न बतातें हैं कि इंडस्ट्री में जब भी कोई नया प्रोजेक्ट शुरू होता है। तो उसे लेकर कई बातें बनना शुरू हो जाती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं है कि फिल्म के लिए पसंद किया गया कलाकार फाइनल होता है। कभी-कभी साइन किया गया कलाकार अपने निजी कारणों से फिल्म को छोड़ देता है। तो कभी फिल्म निर्माता अपनी सोच के मुताबिक करेक्टर बदल देते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि शायद उस किरादर को कोई और अच्छे से निभा सकता है।
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राजेश खन्ना संग था मनमुटाव
अमिताभ बच्चन संग हुए मनमुटाव को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘वह कभी भी अमिताभ बच्चन के खिलाफ नहीं थे। साथ ही जब भी उनसे होकर कोई फिल्म अमिताभ बच्चन के पास जाती थीं। वह मानते हैं कि वह तो अक्सर होता ही रहता था। अभिनेता यह भी कहते हैं कि वह जानते हैं कि अमिताभ बच्चन दिल में भी हमेशा उनके लिए सम्मान और प्रेम ही है। अमिताभ बच्चन संग हुए उनके मनमुटाव को पूरी तरह से सुलझा चुके हैं, लेकिन वह मनाते हैं कि अभिनेता राजेश खन्ना संग उनका मनमुटाव जरूर हुआ था।’
राजनीति की वजह से अलग हुए राजेश खन्ना-शत्रुघ्न सिन्हा
राजेश खन्ना संग हुए मतभेद के बारें में पहली बार शत्रुघ्न सिन्हा ने बात की। उन्होंने बताया कि चुनाव में अलग-अलग पार्टी होने की वजह से दोनों ही एक-दूसरे उल्ट खड़े थे। जब यह बात राजेश खन्ना को पता लगी तो वह काफी गुस्सा हुए। शत्रुघ्न कहते हैं कि वह बिल्कुल ऐसा नहीं चाहते थे लेकिन एल के आडवाणी की बात को वह टाल भी नहीं पाए। वह लाख बार राजेश खन्ना को यह बात समझाते रहे लेकिन वह बिल्कुल नहीं समझे और यही वजह रही कि सालों तक उन दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई। राजेश खन्ना 1984 में राजनीति में कदम रख चुके थे। 1992 में शत्रुघ्न को हराकर राजेश खन्ना ने 25 हज़ार वोटों से जीत हासिल की थी।
अस्पताल में जाकर मांगना चाहते थे माफी
राजेश खन्ना के बारें में शत्रुघ्न कहते हैं कि वह हमेशा से चाहते थे कि राजेश खन्ना संग वह अपने रिश्तों को ठीक करना चाहते थे। लेकिन कभी उन्हें ऐसा मौका ही नहीं जब वह उनसे अपनी दिल की बात कह पाएं। शत्रुघ्न सिन्हा बतातें हैं कि जब राजेश खन्ना अस्पताल में भर्ती हुए थे, तब वह उनसे माफी मांगना चाहते थे। उनका मन था कि वह उनसे मिलने जाएं और उन्हें बस गले लगा लें। लेकिन यह करने से पहले ही राजेश खन्ना दुनिया को अलविदा कह गए। इस बात का अफसोस आज भी उन्हें होता है।
आखिरी वक्त तक दिखा काका का स्टारडम
आपको बता दें राजेश खन्ना ने साल 1966 में आई फिल्म खत से हिंदी सिनेमा जगत में कदम रखा था। अपने फिल्मी करियर में 180 से भी ज्यादा फिल्में की हैं। 69 से लेकर 75 लेकर जो वक्त था उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। राजेश खन्ना का स्टारडम उनकी अंतिम यात्रा में भी देखा गया था। राजेश खन्ना के देहांत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एक पारदर्शी ताबूत में रखा गया था। जिसे सफेद फूलों से सजे ट्रक में रखा गया था। राजेश खन्ना के अंतिम दर्शन के लिए ट्रक के पीछे भारी भीड़ देखने को मिली थी। जो अपनी आंखों में आंसू लिए काका को अंतिम विदाई दे रहे थे।