‘चार साल पहले… शैम्पेन और माल्ट’
अपनी पोस्ट को कैप्शन देते हुए पूजा भट्ट ने लिखा, ‘संयम के आज चार साल हो गए। इससे पहले गुलाबी शैम्पेन, माल्ट और शहर की भीड़ होती थी। अब यह गुलाबी आसमान और शहरों से दूर एकांत सड़के हैं। यह कितनी समृद्ध करने वाली और रफ्तार वाली यात्रा है। जीवन और अलौकिक शक्तियों के प्रति आभार, जिन्होंने मुझ पर नजर रखी, सच्चा बनाए रखा और कमजोरियों के प्रति मजबूत बनाए रखा।’
‘मैं छोड़ सकती हूं और और लोग क्यों नहीं’
गौरतलब है कि इसी साल सितंबर माह में पूजा ने अपने शराब छोड़ने के बारे में एक इंटरव्यू में कहा था,’ “जैसे कोई खुले आम ड्रिंक करता है, वैसे ही मैंने इससे उबरने की बात को सार्वजनिक किया है। मैंने सच में महसूस किया है कि मेरी इस यात्रा को सबको बताया जाना चाहिए,खासतौर पर महिलाओं को, हो सकता है कि वे अपने इस बात को लेकर परेशान हों। अगर मैं ऐसा कर सकती हूं तो वे क्यों नहीं। कुछ लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया था, लेकिन कुछ ने मेरे साहसी होने के लिए सराहना भी की। मुझे आश्चर्य है कि लोगों ने नशे की लत के बारे में खुलकर बोलने को साहसी क्यों कहा। साथ ही आश्चर्य होता है कि जो समूह आपको ठीक होने में मदद करते हैं वे अनाम क्यों होते हैं। मैं समझ सकती हूं कि लोग नशे की लत कलंक क्यों कहते हैं बिना ये जाने की उसने बुरी लत को क्यों चुना। शराब एक ड्रग है, और मेरी पसंद की ड्रग थी। सिर्फ इसलिए कि यह सामाजिक रूप से स्वीकार्य है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह सही है। मुझे पिछले कुछ वर्षों में नहीं पीने के लिए इतने बहाने बनाने पड़े हैं, जितना कि मैंने पीने के लिए दोस्तों, दुश्मनों और परिचितों के साथ नहीं बनाए।’
पूजा भट्ट का फिल्मी सफर
1990 के दशक में लोकप्रिय रहीं पूजा ने ‘डैडी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, और ‘ज़ख्म’ जैसी फिल्में दीं। इस साल उनकी फिल्म ‘सड़क 2’ आई। 1991 में उनके पिता महेश भट्ट ने ‘सड़क’ फिल्म बनाई थी जिसमें पूजा और संजय दत्त लीड रोल में थे। पूजा के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स में अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित नेटफ्लिक्स सीरीज ‘बॉम्बे बेगम’ शामिल है।