उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि पठान फिल्म के बेशर्म गाने में दीपिका की बिकनी पर उठ रहे सवाल पर कहा कि यहां बिकनी पर बवाल नहीं है यहां बिकनी के ऑरेंज कलर को लेकर हंगामा है उठ रहा है।
एक्ट्रेस ने कहा ‘मुझे ऐसा लगता है कि हमारा दिमाग धीरे धीरे बंद होता जा रहा है और हम लोग बदलते समय के साथ बहुत छोटे सोच के होते जा रहे हैं।’
एक्ट्रेस ने कहा ‘मुझे ऐसा लगता है कि हमारा दिमाग धीरे धीरे बंद होता जा रहा है और हम लोग बदलते समय के साथ बहुत छोटे सोच के होते जा रहे हैं।’
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आशा जी ने कहा कि हमेशा से ही लोगों के लिए बॉलीवड एक सॉफ्ट टारगेट रहा है और यह समय समय पर नजर भी आता है। हम एक तरफ प्रोग्रेसिव होने की बात करते हैं लेकिन वहीं बिकनी के रंग में विवाद खड़ा करके अपनी सोच को भी दर्शा देते हैं।आशा पारेख ने आगे कहा कि किसी ने ऑरेंज कपड़ा पहन लिया या फिल्म का नाम कुछ रख लिया है तो हम उसे बैन कर देंगे? ये सब बिलकुल अच्छा नहीं है, इससे हमारी इंडस्ट्री मरती जा रही है। हालात अभी बहुत खराब हैं बॉलीवुड फिल्में नहीं चल रही हैं। ऐसे में बायकॉट और बैन जैसे मुद्दों से बहुत नुकसान होता है।
आशा पारेख ने लोगों को संकेत दिए कि इस तरह तो इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी। लोग वैसे ही कोरोना के बाद से थिएटर्स में नहीं जा रहे हैं ऐसे में अगर फिल्में फ्लॉप होती रहेंगी तो मेकर्स नई फिल्में बनाने की हिम्मत कैसे जुटा पाएंगे।
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