बॉलीवुड

Nail Polish का प्रीमियर जनवरी में, मानव कौल अभियुक्त और अर्जुन रामपाल वकील के किरदार में

जनवरी में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली ‘नेल पॉलिश’ ( Nail Polish Movie ) का घटनाक्रम भी अदालत में घूमेगा। हत्या के मुकदमे पर आधारित निर्देशक भार्गव कृष्णा की इस फिल्म में मानव कौल ( Manav Kaul ) अभियुक्त और अर्जुन रामपाल ( Arjun Rampal ) बचाव पक्ष के वकील के किरदार में हैं। याद आता है कि 2006 में हॉलीवुड ने ‘नेल पॉलिश’ बनाई थी, जिसमें एलेक्जेंड्रा लिडॉन ने बड़े जलवे दिखाए थे।

Nov 04, 2020 / 08:26 pm

पवन राणा

Nail Polish का प्रीमियर जनवरी में, मानव कौल अभियुक्त और अर्जुन रामपाल वकील के किरदार में

-दिनेश ठाकुर
जब किसी फिल्मी हस्ती के सितारे बुलंद होते हैं, तो उसकी मामूली फिल्म भी कारोबारी मैदान में गैर-मामूली कारनामा कर दिखाती है। राजेश खन्ना ( Rajesh Khanna ) के तूफानी दौर में ‘दुश्मन’ (1972) इसी तरह की ‘पैसा फेंको, तमाशा देखो’ मार्का फिल्म रही। इसमें राजेश खन्ना ‘वादा तेरा वादा’ गाने वाले ट्रक ड्राइवर बने थे। उनकी उपमाओं से भी ट्रक ड्राइवरी झलकती थी- ‘तुम्हारी जुल्फ है या सड़क का मोड़ है ये/ तुम्हारी आंख है या नशे का तोड़ है ये।’ नशे में वे गांव के एक गरीब को ट्रक से कुचल देते हैं। अदालत सजा सुनाती है कि वे गरीब के गांव जाकर उसके खानदान का भरण-पोषण करें। अदालत फिल्मी थी। इसलिए फैसला भी घोर फिल्मी था।

मंदाना करीमी के बाद एक और ईरानी अभिनेत्री ने रखा बॉलीवुड में कदम, पहली फिल्म नवाजुद्दीन के साथ

फिल्मी अदालत
हिन्दी फिल्मों में लम्बे समय तक अदालतों और न्याय व्यवस्था की तस्वीरें इसी तरह तोड़-मरोड़कर पेश की जाती रहीं। ‘अंधा कानून’ में अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) ने मुक्का ताने ‘ये अंधा कानून है’ के स्वर बुलंद किए। पुरानी फिल्मों में जिस तरह की अदालतें दिखाई जाती थीं, वे देश के किस कोने की हैं, इसका जवाब फिल्म वालों के पास भी नहीं था। वे अपने हिसाब से अदालत सजा लेते थे, जिसमें जज की कुर्सी पर कोई जाना-पहचाना चरित्र अभिनेता होता था, जो ‘ऑर्डर-ऑर्डर’ से ज्यादा कुछ नहीं करता था। जिन फिल्मों की पूरी कहानी अदालत में घूमती थी, उनमें भी अदालत जैसी अदालत देखने को नहीं मिलती थी। बी. आर. चोपड़ा ( B. R. Chopra ) ने ‘कानून’ (1960) के बाद ‘इंसाफ का तराजू’ (1980) में भी ठेठ फिल्मी अदालत सजाई।

इस एक फैसले से डूबा अनुराधा पौडवाल का कॅरियर, कभी होती थी लता मंगेशकर से तुलना

फिल्मों में संवादों के मुकाबले
पुरानी फिल्मों में जज को विग पहना दी जाती थी, जो कभी ब्रिटेन की अदालतों के जज पहना करते थे। आजादी के बाद भारत की शायद ही किसी अदालत के जज ने इस तरह की विग पहनी हो। दरअसल, उस दौर की ज्यादातर फिल्मों में अदालत के सीन नायक या नायिका और खलनायकों के बीच संवादों के मुकाबले के लिए रखे जाते थे, ताकि दर्शकों को तालियां बजाने का मौका मिले। अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की ‘ईमान धर्म’ में इस तरह के संवादों की भरमार थी, फिर भी फिल्म नहीं चली। इसमें अमिताभ और शशि कपूर ने ऐसे गवाहों के किरदार अदा किए थे, जो धन के लिए अदालत में झूठी गवाही देते हैं। राजकुमार संतोषी की ‘दामिनी’ में जरूर सनी देओल के ‘तारीख पर तारीख’ और ‘जज ऑर्डर-ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा’ जैसे संवादों ने खूब तालियां लूटी थीं।

‘नेल पॉलिश’ का घटनाक्रम भी घूमेगा अदालत में
शुक्र है कि कुछ साल से फिल्मों की अदालत यथार्थ के करीब आ गई है। अब इनमें पहले की तरह कपोल कल्पित घटनाएं चक्कर नहीं काटतीं। अमिताभ बच्चन की ‘पिंक’ और ‘बदला’, अक्षय कुमार की ‘रुस्तम’, अरशद वारसी की ‘जॉनी एलएलबी’, रानी मुखर्जी की ‘नो वन किल्ड जेसिका’ आदि में अदालतें काफी हद तक वास्तविक हैं। जनवरी में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली ‘नेल पॉलिश’ ( Nail Polish Movie ) का घटनाक्रम भी अदालत में घूमेगा। हत्या के मुकदमे पर आधारित निर्देशक भार्गव कृष्णा की इस फिल्म में मानव कौल ( Manav Kaul ) अभियुक्त और अर्जुन रामपाल ( Arjun Rampal ) बचाव पक्ष के वकील के किरदार में हैं। याद आता है कि 2006 में हॉलीवुड ने ‘नेल पॉलिश’ बनाई थी, जिसमें एलेक्जेंड्रा लिडॉन ने बड़े जलवे दिखाए थे। भार्गव कृष्णा की फिल्म में नेल पॉलिश का क्या माजरा है, यह फिलहाल पहेली है।

Hindi News / Entertainment / Bollywood / Nail Polish का प्रीमियर जनवरी में, मानव कौल अभियुक्त और अर्जुन रामपाल वकील के किरदार में

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.