मीना कुमारी सारी जिंदगी सच्चे और अपने प्यार को तरसती रहीं, जिस पर उन्होंने प्यार का भरोसा किया वहीं उन्हें धोखा दे गया। अपने मन को मार कर मीना कुमारी ने अपनी जिंदगी में केवल काम और शराब को अपना सहारा बना लिया। कहा जाता है कि ऐसा कोई समय नहीं होता था जब वो अपने जन्म को कोसती नहीं थीं। मीना कुमारी का जब जन्म हुआ तो उनके पिता ने उन्हें अनाथलाय में छोड़ दिया था, क्योंकि वो एक बेटा चाहते थे। इसके बाद जब उन्होंने देखा की मीना कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, तब जाकर उनका दिल पसीजा और वो उसको घर वापस ले आए। मीना कुमारी बेहद खूबसूरत थीं, लेकिन उनकी किस्मत उतनी ही बदसूरत।
आज भी उनके फैंस मीना कुमारी की फिल्में, गाने, कविताएं, शेर और गजलों से उनको याद किया करते हैं। मीना कुमारी और फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के प्यार के किस्से जग-जाहिर हैं। दोनों ने एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत को की, लेकिन उससे कभी जिंदगी भर कायम नहीं रख पाए। दोनों ने एक-दूसरे से शादी भी की, लेकिन मीना उस पुरुषवादी मानसिकता और सामाजिक रूढ़ियां तो झेलन नहीं पाईं। बताया जाता है कि साल 1955 में अपनी फिल्म ‘परिणीता’ के लिए जब मीना कुमारी को फिल्मफेयर का पुरस्कार मिलना था, तब कमाल अमरोही उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। कहा जाता है कि कमाल अमरोही दोनों की शादी में इस कदर फूट पड़ गई थी कि तीन तलाक की नौबत तक आ पहुंची।
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आज भी उनके फैंस मीना कुमारी की फिल्में, गाने, कविताएं, शेर और गजलों से उनको याद किया करते हैं। मीना कुमारी और फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के प्यार के किस्से जग-जाहिर हैं। दोनों ने एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत को की, लेकिन उससे कभी जिंदगी भर कायम नहीं रख पाए। दोनों ने एक-दूसरे से शादी भी की, लेकिन मीना उस पुरुषवादी मानसिकता और सामाजिक रूढ़ियां तो झेलन नहीं पाईं। बताया जाता है कि साल 1955 में अपनी फिल्म ‘परिणीता’ के लिए जब मीना कुमारी को फिल्मफेयर का पुरस्कार मिलना था, तब कमाल अमरोही उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। कहा जाता है कि कमाल अमरोही दोनों की शादी में इस कदर फूट पड़ गई थी कि तीन तलाक की नौबत तक आ पहुंची।
बताया जाता है कि कमाल अमरोही के तलाक के बाद मीना कुमारी अपने जीवन को संभाल ही नहीं पाईं। हालांकि, इसके बाद भी वो लगातार फिल्में करती रहीं, लेकिन बताया जाता है कि पति से अलग होने के बाद उनके जीवन में रौनक कभी नहीं आ सकी, जिसके ख्वाब मीना कुमारी ने सजाए थे। मीना कुमारी को शेर-ओ-शायरी करना, गजलें लिखने का शौक सब छोड़ दिया। बता दें कि तलाक के बाद उन्होंने शराब को अपना सहारा बनाया। मीना कुमारी ने कमाल के तलाक देने पर कुछ लिखा भी था और वो कुछ यूं था कि ‘तलाक तो दे रहे हो नजर-ए-कहर के साथ, जवानी भी मेरी लौटा दो मेरे मेहर के साथ’।
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