एक लंबा चौडे़ कद काठी के इंसान को जब पर्दे पर आता था और और उसे हीरो के सामने खड़ा कर दिया जाता था तो हीरो उसके सामने कुछ नहीं लगता था। ऐसा जान पड़ता था जैसे वो हीरो को ही हरा देगा। ऐसा लगता था जैसे उसके बाजू हीरो को पत्थर की तरह चकनाचीर कर देगें। ऐसी पर्सनैलिटी के विलन की वजह से हीरो की पर्सनैलिटी को उसके कद काठी से न नापते हुए ऐसे विलन को हराना तो गजब की बात तो होगी हीं।
वैसे ही माणिक ईरानी का भी एक किरदार हुआ करता था जिसने अपने करियर की शुरुआत 1974 में की थी। उन्होंने फिल्म ‘पाप और पुण्य’ में बदमाश का किरदार निभाया। इस फिल्म में उनकी पर्सनैलिटी को खुब सराहा गया। इसके बाद 1976 में फिल्म ‘कालीचरण’ में उन्होंने गूंगे बदमाश का किरदार किया। फिल्म ‘त्रिशूल’ में उन्होंने अमिताभ बच्चन की जमकर धुनाई की थी। उनका स्टार्डम भले ही अमिताङ से कम था, मगर पर्दे पर उनकी पर्सनैलिटी एंग्री यंग मैन को कांटे की टक्कर दिया करती थी। लोग भी उन्हें अमिताभ के अपोजिट देखना पसंद करते थे। एक समय तो ऐसा आया की अमिताभ बच्चन की ज्यादातर फिल्मों में गुंडे का किरदार उन्होंने ही निभाया।
यह भी पढ़े – ह्यूमन में शेफाली शाह के साथ किसिंग सीन पर बोलीं कीर्ति कुल्हारी – ‘ऑनस्क्रीन वर्जिनिटी खो दी’
वैसे ही माणिक ईरानी का भी एक किरदार हुआ करता था जिसने अपने करियर की शुरुआत 1974 में की थी। उन्होंने फिल्म ‘पाप और पुण्य’ में बदमाश का किरदार निभाया। इस फिल्म में उनकी पर्सनैलिटी को खुब सराहा गया। इसके बाद 1976 में फिल्म ‘कालीचरण’ में उन्होंने गूंगे बदमाश का किरदार किया। फिल्म ‘त्रिशूल’ में उन्होंने अमिताभ बच्चन की जमकर धुनाई की थी। उनका स्टार्डम भले ही अमिताङ से कम था, मगर पर्दे पर उनकी पर्सनैलिटी एंग्री यंग मैन को कांटे की टक्कर दिया करती थी। लोग भी उन्हें अमिताभ के अपोजिट देखना पसंद करते थे। एक समय तो ऐसा आया की अमिताभ बच्चन की ज्यादातर फिल्मों में गुंडे का किरदार उन्होंने ही निभाया।
यह भी पढ़े – ह्यूमन में शेफाली शाह के साथ किसिंग सीन पर बोलीं कीर्ति कुल्हारी – ‘ऑनस्क्रीन वर्जिनिटी खो दी’
फिल्म ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘शान’, ‘नास्तिक’ में उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। वैसे कहा जाता है कि 1978 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ में बॉडी डबल का काम माणिक ईरानी ने ही किया था, मगर उन्हें इसका क्रेडिट नहीं मिला। इसके बाद माणिक ने जैकी श्रॉफ स्टारर फिल्म ‘हीरो’ में बिल्ला नाम से एक खूंखार बदमाश के किरदार को निभाया। इस फिल्म को सुभाष घई ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म में मणिक का लुक और डॉयलाग ने लोगों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में जब वो अपने बालों को बीच से काढ़कर खूंखार मुस्कुराहट के साथ बोलते, तो देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते थे। इस फिल्म से माणिक को ‘बिल्ला’ नाम से पहचान मिली।
मगर सवाल ये उठता है कि इतनी सारी फिल्मों में बड़े स्टार्स के साथ एक्शन सीन करने वाले का करियर पीक पर था। तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ा एक्टर गायब ही हो गया। वैसे बता दें जिंदगी में सबकुछ अचानक से नहीं होता है, और माणिक ईरानी के साथ भी सब कुछ अचानक नहीं हुआ था। आपको बता दें माणिक शराब के लत से आदि थे। उनका करियर जैसे-जैसे आगे बढ़ा उनकी शराब की लत भी बढ़ गई। वो हद से ज्यादा नशे में डूब चुके थे। वो अपनी आखिरी फिल्म 1992 में आई ‘दीदार’ में नजर आए थे। और उनकी शराब की लत ने इसके बाद उनकी जान ले ली। वैसे उनकी मौत की असली वजह किसी को पता नहीं है, क्योंकि कुछ लोग कहते हैं उन्होंने सुसाइड कर लिया था। लेकिन कुछ पक्के तौर पर कहा नहीं जा सकता।
यह भी पढ़े – जब आर्यन खान ने शाहरुख खान को अपना पिता मानने से कर दिया था इंकार