करमाला मॉडेक्स ने इस मामले में तिरुवनंतपुरम की फैमिली कोर्ट में केस दायर किया है। हालांकि अनुराधा की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। करमाला के दावे के अनुसार, उनका जन्म 1974 में हुआ था और जब वह 4 दिन की थी, तब अनुराधा ने पोंनाचन और अगनेस को उसे सौंप दिया था। इसके बाद पोंनाचन और अगनेस ने ही उनका पालन-पोषण किया।
यह तब की बात है जब अनुराधा सिंगर के रूप में अपना कॅरियर संवारना चाहती थीं और इसी कारण बेटी की जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं थीं। तीन बच्चों की मां करमाला का दावा है कि उन्हें यह सच्चाई 5 साल पहले पता चली। तब उनके पिता पोंनाचन अपनी अंतिम सांस गिन रहे थे और उन्होंने इस राज का खुलासा किया था। पोंनाचन ने बताया कि उनकी और अनुराधा पौडवाल की गहरी दोस्ती थी।
करमाला का कहना है कि यह राज पता चलने के बाद उन्होंने अनुराधा से फोन पर सम्पर्क साधने की कोशिश की, लेकिन कोई बात नहीं हो सकी। करमाला ने सम्पर्क जारी रखा तो उनका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया गया।
वकील अनिल प्रसाद का कहना है कि करमाला को उनका अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि उन्हें अब तक वो जिंदगी नहीं मिली है, जिसकी वो हकदार थीं।