आपातकाल के दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं। कई लोगों ने सरकार के आगे हार मान ली लेकिन कुछ थे जो जिन्होंने हार नहीं मानी। उन्हीं में से एक थे- कंपोजर किशोर कुमार। आपातकाल के दौरान कांग्रेस चाहती थी कि सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाना गाकर दें। कांग्रेस को भी ये पता था कि उन्हें एक ऐसे आवाज की जरूरत है जो उसकी बात आम जनता तक पहुंचा सके। जिस वजह से उन्होंने किशोर कुमार से बात की।
उस समय के सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला ने किशोर कुमार के पास संदेशा भिजवाया कि वो इंदिरा गांधी के लिए गीत गाएं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सरकारी की आवाज पहुंचे लेकिन किशोर कुमार ने गाना गाने से मना कर दिया। ये बात कांग्रेस को पसंद नहीं आई और उन्होंने किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए। यह बैन 3 मई 1976 से लेकर आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा। अपने उसूलों के पक्के किशोर कुमार ने एक बार कहा था कि ‘कौन जाने वो क्यों आए लेकिन कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता। मैं किसी दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।’