ये गान गाए बप्पी दा ने
बप्पी ने कई फिल्मों में अपने पार्श्वगायन से भी श्रोताओं को अपना दीवाना बनाया है। उनके गाये गीतों की लंबी लिस्ट है। इनमें से कुछ हैं …’बंबई से आया मेरा दोस्त…’, ‘देखा है मैंने तुझे फिर से पलट के तू मुझे जान से भी प्यारा है…’, ‘याद आ रहा है तेरा प्यार…’,’सुपर डांसर आये हैं आये हैं…’ ‘जीना भी क्या है जीना…’,’यार बिना चैन कहां रे…’,’तम्मा तम्मा लोगे…’, ‘प्यार कभी कम मत करना…’,’दिल में हो तुम…’, ‘बंबई नगरिया…’,’उलाला उलाला…’ आदि।
फिल्म इंडस्ट्री के ‘डिस्को किंग’
अपनी ‘डिस्को थेक’ शैली के प्रयोग की वजह से बप्पी को करियर के शुरूआती दौर में काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा लेकिन बाद में श्रोताओं ने उनके संगीत को काफी सराहा और वह फिल्म इंडस्ट्री में ‘डिस्को किंग’ के रूप में विख्यात हो गए। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में 27 नवंबर, 1952 को जन्में बप्पी का मूल नाम आलोकेश लाहिरी था। उनका रूझान बचपन से ही संगीत की ओर था। उनके पिता अपरेश लाहिरी बंगाली गायक थे जबकि मां वनसरी लाहिरी संगीतकार और गायिका थीं।
‘आओ तुम्हे चांद पे ले जाएं’
काफी प्रयास करने के बाद बप्पी की किस्मत का सितारा वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘जख्मी’ से चमका। सुनील दत्त, आशा पारेख, रीना रॉय और राकेश रौशन की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में ‘आओ तुम्हे चांद पे ले जाएं…’और ‘जलता है जिया मेरा भीगी भीगी रातो में…’ जैसे गीत लोकप्रिय हुये लेकिन ‘जख्मी दिलों का बदला चुकाने…’ आज भी होली गीतों में विशिष्ट स्थान रखता है।
‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी’
वर्ष 1976 में बप्पी लाहिरी के संगीत निर्देशित में बनी एक और सुपरहिट फिल्म ‘चलते-चलते’ प्रदर्शित हुयी। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म ‘नमक हलाल’ बप्पी के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में किशोर कुमार की आवाज में बप्पी का संगीबतद्ध गीत ‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी’ उन दिनों श्रोताओं में क्रेज बन गया था और आज भी जब कभी सुनाई देता है तो लोग थिरकने पर मजबूर हो उठते है।
‘जिमी जिमी जिमी आजा आजा…’
वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘डिस्को डांसर’ बप्पी के करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। बी.सुभाष के निर्देशन में मिथुन चक्रवर्ती की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में बप्पी के संगीत का नया अंदाज देखने को मिला। ‘आइ.एम.ए डिस्को डांसर…’, ‘जिमी जिमी जिमी आजा आजा…’ जैसे डिस्कों गीत ने श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। फिल्म में अपने संगीतबद्ध गीत की सफलता के बाद बप्पी डिस्को किंग के रूप में मशहूर हो गए। वर्ष 1984 में बप्पी के सिने कैरियर की एक और सुपरहिट फिल्म ‘शराबी’ प्रदर्शित हुयी। वह इस फिल्म के संगीत के लिए करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किये गए।
वापसी पर नहीं मिली कामयाबी
नब्बे के दशक में बप्पी की फिल्मों को अपेक्षित सफलता नही मिली। हालांकि वर्ष 1993 में ‘आंखे’ और ‘दलाल’ के जरिए उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की लेकिन इसके बाद उनकी फिल्मों को अधिक कामयाबी नही मिल सकी।