ये फिल्म अपने जमाने की हिट फिल्मों में से एक है. इस फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा खुद आशा पारेश ने सभी के साथ साझा किया था. दरअसल, बात साल 1965 के दौर की है. जब दोनों एक साथ ‘आए दिन बहार के’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. फिल्म की शूटिंग दार्जिलिंग में चल रही थी. उस वक्स वहां बहुत ठंड थी, जिसकी वजह से डायरेक्टर को कई बार पैकअप बोलना पड़ता था और सभी शराब की बोतलें खोल कर बैठ जाता करते थे. सभी साथ में बैठ कर सारी रात शराब पिया करते थे. धर्मेंद्र इतनी शराब पी लिया करते थे कि सुबह तक उनके मुंह से शराब की गंध नहीं जाती थी.
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ऐसे में जब उनको शूटिंग करनी होती थी तो वो अपनी को छिपाने के लिए प्याज खा लिया करते थे. आशा बताती हैं कि उन्होंने एक-दो दिन तक तो उनके मुंह से आने वाली बदबू को अनदेखा किया, लेकिन तीसरे दिन सीधा डायरेक्टर के पास जाकर साफ-साफ बोल दिया कि वो फिल्म की शूटिंग नहीं करेंगी. आशा ने डायरेक्टर को बताया कि ‘धर्मेंद्र के मुंह से प्याज की बदबू आती है और ऐसे में मैं शूटिंग नहीं कर पाऊंगी’. वहीं जब इस बात का पता धर्मेंद्र को चला तो उन्होंने आशा पारेख से कहा कि ‘वे शराब की बदबू छिपाने के लिए प्याज खाकर शूटिंग करते हैं’.
धर्मेंद्र की इस बात पर आशा ने उनसे कहा कि ‘आप शराब पीना बंद कर दें’. धरम ने आशा से वादा किया कि आज के बाद सेट पर कभी शराब नहीं पिएंगे. इसके बाद धर्मेंद्र को आशा से किया हुआ वो वादा निभाया. वहीं शूटिंग के दौरान ठंड नें एक्टर की ऐसी हालत हो जाया करती थी कि एक शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र का पूरा शरीर नीला पड़ गया था. जब आशा पारेश ने उनकी ऐसी हालत देखी तो उन्होंने धरम को ब्रांडी ऑफर की, लेकिन उन्होंने एक बूंद भी नहीं पी. एक्ट्रेस को धर्मेंद्र की बात बहुत ज्यादा पसंद आई और आशा जी धर्मेंद्र की दोस्ती की शुरुआत हुई जो आज भी कायम है.