न ही उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल में दिल्ली की एक अदालत ने उनको नया समन भेजा है और कार्ट में हाजिर होने को कहा है। दरअसल, तीस हजारी अदालतों के सिविल जज अभिषेक कुमार ने 29 अगस्त के एक आदेश में वादी अधिवक्ता राज गौरव की दलीलों को नोट किया, जिसमें कहा गया था कि पिछली तारीख को उनके द्वारा दायर एक आवेदन निर्णय के लिए लंबित है।
उन्होंने मणिमेकलाई और बारी सभी को ई-मेल के साथ-साथ व्हाट्सएप के जरिए नोटिस देने की भी मांग की। इसके बाद जज ने आदेश दिया था कि उनको सोशल मीडिया के जरिए सेवा सहित सभी तरीकों से नए सिरे से समन जारी किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 1 नवंबर को की जाएगी। इससे पहले जुलाई में कोर्ट ने मणिमेकलाई को समन जारी किया था।
इस मामले में एडवोकेट राज गौरव द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि ‘फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी को धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है, जिसके जरिए न केवल आम हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है, बल्कि नैतिकता और शालीनता की मूल बातों के भी खिलाफ है’। बता दें कि फिल्म निर्माता के अलावा उनकी कंपनी टूरिंग टॉकीज मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस और समन जारी किए गए थे।
वहीं इस मामले में विवाद ज्यादा तब बढ़ा जब एक तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि ‘उन्हें एक शख्स के रूप में काली देवी को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि हर शख्स के पास पूजा करने का अपना अनूठा तरीका होता है’।
उन्होंने मणिमेकलाई और बारी सभी को ई-मेल के साथ-साथ व्हाट्सएप के जरिए नोटिस देने की भी मांग की। इसके बाद जज ने आदेश दिया था कि उनको सोशल मीडिया के जरिए सेवा सहित सभी तरीकों से नए सिरे से समन जारी किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 1 नवंबर को की जाएगी। इससे पहले जुलाई में कोर्ट ने मणिमेकलाई को समन जारी किया था।
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वहीं इस मामले में विवाद ज्यादा तब बढ़ा जब एक तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि ‘उन्हें एक शख्स के रूप में काली देवी को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि हर शख्स के पास पूजा करने का अपना अनूठा तरीका होता है’।
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