ये बात खुद डैनी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी. उन्होंने बताया था कि ‘FTII में पढाई के दौरान वो कॉलेज के पहले दिन जया से मिले थे. तब वो दोनों एक ही बैच में थे. कॉलेज में जब ओरियंटेशन प्रोग्राम के दौरान डैनी से उनका परिचय मांगा गया तो वहां कई लोगों को उनका नाम समझ नहीं आया और उन्होंने बार-बार उनसे नाम दोहराने के लिए कहा. डैनी आगे बताते हैं कि ‘एक समय तो ऐसा आया जब सभी उनके इस नाम का मजाक भी उड़ाने लगे. उस समय जया बच्चन उनके पास आई और उन्होंने डैनी को ये सलाह दी कि वो अपने नाम को थोड़ा आसान रखें और उन्होंने उनका नाम डैनी रखा’.
FTII में अपने शुरुआती के दिनों में डैनी और जया दोनों ही अच्छे दोस्त बन गए थे. डैनी हमेशा से ही सदी के महानायक के तौर पर पहचान बनाने वाले अमिताभ बच्चन के साथ काम करने से थोड़ा कतराते थे. इसी के चलते उन्होंने फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का किरदार निभाने से भी मना कर दिया था. इसके अलावा उस समय पर उन्होंने फिरोज खान की फिल्म ‘धर्मात्मा’ को साइन कर दिया था. कहा जाता था कि डैनी को इस बात का डर था कि कहीं वो बिग बी के साथ एक ही फ्रेम में नजर न आएं, लेकिन ये बात साल 1990 में बदल गई, जब मुकुल आनंद की ‘अग्निपथ’ में दोनों साथ नजर आए.
बता दें फिल्म ‘अग्निपथ’ में अमिताभ बच्चन ने विजय दीनानाथ चौहान के किरदार में नजर आए थें और डैनी डेन्जोंगपा को कांचा चीना का किरदार निभाया था. वहीं डैनी ने फिल्मफेयर को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने फिल्म को याद करते हुए कहा था ‘जब मुकुल आनंद ने मुझे अग्निपथ में अमित जी के साथ कांचा चीना की भूमिका के बारे में बताया, तो मुझे पता था कि मेरे किरदार पर किसी का भी ध्यान नहीं जाएगा.