कॅरियर
प्रेम पंजाब के विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई आ गए। मुंबई में उन्होंने काफी कठिनाइयों का सामना किया। वहां अपने जीवन यापन के लिए वह एक अखबार के सर्कुलेशन विभाग में काम करने लगे। इस दौरान फिल्मों में काम करने के लिए वह संघर्ष करते रहे और इसी बीच उन्हें एक पंजाबी फिल्म ‘चौधरी करनैल भसह’ में काम करने का अवसर मिला। साल 1960 में प्रदर्शित हुई यह फिल्म सुपरहिट हुई और वह दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कहीं न कहीं कामयाब हो गए।
फिल्में
अभिनेता प्रेम चोपडा़ बॉलीवुड में एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने कपूर खानदान की सभी पीढ़ियों के साथ फिल्मों में काम किया है। प्रेम ने अपने फिल्मी कॅरियर में ‘शहीद’ (1965), ‘बॉबी’ (1973), ‘बेताब’ (1983), ‘गुप्त’ (1997) और ‘कोई मिल गया’ (2003) समेत करीब 380 फिल्मों में काम किया है, जिनमें करीब 250 रेप सीन्स शामिल हैं। प्रेम ने सिनेमा जगत में अधिकतर महिलाओं पर बुरी नजर डालने वाले खलनायक की भूमिकाएं निभाई। जब भी वे अपने दोस्त या रिश्तेदार की पार्टियों में जाते थे तो महिलाएं उनसे खौफ खाकर छिप जाती थीं। इससे वह बहुत असहज महसूस भी करने लगते थे।
प्रेम की नाम विलेन के लिए तब छा गया जब राजेश खन्ना का नाम एक हीरो के रूप में दौड़ रहा था। इस जोड़ी ने एक साथ कई हिट फिल्में दी हैं जिसमें प्रेम को खलनायक के किरदार में देखा गया है। दर्शक फिल्मों में उनकी एंट्री से समझ जाते थे कि आगे क्या होने वाला है। बता दें कि राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बॉबी’ में प्रेम का एक डायलॉग ‘प्रेम नाम है मेरा… प्रेम चोपड़ा।’ जो अाज तक लोगों की जुबां पर रटा हुआ है। अपने इस संवाद से वह काफी फेमस हो गए और बॉलीवुड के सुपरहिट खलनायक।