सुखदेव ने किया था ‘रेशमा और शेरा’ के लिए साइन
फिल्मों में आने से पहले अमरीश लेबर मिनिस्ट्री में काम करते थे। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत में स्क्रीन टेस्ट दिया और फेल हो गए। लेकिन वे थिएटर से जुड़े रहे। पुरी इस दौरान नौकरी छोड़ना चाहते थे, लेकिन सत्यदेव दुबे ने उन्हें सलाह दी कि जब तक फिल्मों में अच्छे रोल नहीं मिलने लग जाएं, तब तक करते रहो। आखिरकार डायरेक्टर सुखदेव ने उन्हें एक नाटक के दौरान देखा और अपनी फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ के लिए साइन किया। उस दौरान उनकी उम्र 40 वर्ष थी। उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर के लिए नौकरी छोड़ दी थी।
हीरो से ज्यादा लेते थे फीस
एक वीडियो इंटरव्यू में पुरी ने बताया था कि जब वह अखबारों को साक्षात्कार देते थे तो अपनी आवाज रिकॉर्ड नहीं करने देते थे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि अपनी आवाज पर मैंने बहुत मेहनत की है, इसलिए अपने हुनर और काम की फीस से कभी समझौता नहीं करता। फिल्मों में उनके अभिनय और आवाज का ही जादू था कि मशहूर होने के बाद उन्हें कई फिल्मों में हीरो से ज्यादा फीस मिली। विलेन के तौर पर काम करने के लिए अमरीश पुरी एक करोड़ रुपए से ज्यादा फीस लेते थे।
हिट फिल्में
अमरीश पुरी की हिट और बेस्ट मूवीज की बात करें तो उन्होंने ‘मिस्टर इंडिया’, ‘घातक’, ‘करण अर्जुन’, ‘कोयला’, ‘नायक’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘दोस्ताना’, ‘गदर : एक प्रेमकथा, ‘घायल’, ‘बादशाह’ और ‘दामिनी’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। उनकी एक्टिंग से कहीं ज्यादा उनके फिल्मी डायलॉग ज्यादा फेमस थे।