कभी सोचा हैं अमिताभ जो आज हैं वो क्यों हैं, उन्हें जिंदगी और करियर में सफलता कैसे मिली। 11 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन का जन्मदिन हैं। इस मौके पर हम आपको अमिताभ बच्चन की उन खूबियों के बारे में बता रहे हैं। जिनकी बदौलत उन्होंने अपनी जिंदगी में सफलता, लोकप्रियता हासिल की और बन गए सदी के महानायक।
अमिताभ बच्चन की जो सफलता है लोकप्रियता है। उसके पीछे उनकी सालों की तपस्या और उनकी खूबियां हैं। चलिए जानते हैं अमिताभ बच्चन की खूबियों के बारे में। जिन्हें जानकर हम भी कुछ उनसे सीख सकते हैं।
अनुशासन (Discipline)- अमिताभ बच्चन के बारे में जिन बातों पर उनके कटु आलोचक भी सहमत रहते हैं वो है उनकी अनुशासनप्रियता। अमिताभ फिल्म जगत के सबसे अनुशासित कलाकार हैं। अमिताभ को फिल्म जगत के समय के सबसे पाबंद कलाकारों में माना जाता है। आज उनके पास सब कुछ इसके बावजूद आज भी अमिताभ फिल्म सेट पर समय पर पहुंचते हैं। साल 2000 में आई फिल्म मोहब्बतें का अमिताभ का वो डॉयलॉग आपको तो याद ही होगा- “परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन, ये इस गुरुकुल के तीन स्तंभ हैं। ये वो आदर्श हैं, जिनसे हम आपका आने वाला कल बताते हैं।
परिश्रम (Hard work)– अमिताभ ने अपने जन्मदिन पर एक ट्विट किया था कि बिना परिश्रम के सांस नहीं ली जा सकती। क्या आप किसी और अभिनेता से इस उम्र में इस कमेंट की उम्मीद कर सकते हैं? शायद नहीं। इस उम्र में भी अमिताभ मेहनत को महत्व देते हैं उनकी इस खूबी ने उनके महानायक बनने में विशेष योगदान दिया है। रणबीर कपूर से एक बातचीत में अमिताभ ने कहा था कि उन्हें रोज काम करना पसंद है और 1990 के दशक में कुछ सालों के लिए काम न करने का उन्हें अफसोस है। ऐसे में ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अमिताभ अपने काम के प्रति इतने समर्पित न होते तो महानायक नहीं होते।
अभिनय प्रतिभा (Acting talent) – जाहिर है अगर किसी अभिनेता ने पांच दशकों से अपना दबदबा कायम रखा है तो उसमें विलक्षण अभिनय प्रतिभा होगी। ये सुनने कहने के लायक भले ही न लगे, लेकिन अमिताभ की सफलता का सबसा बड़ा श्रेय उनकी उस अतुलनीय प्रतिभा को जाता है जो कम से कम हिन्दी सिनेमा में विरले है। कई अभिनेताओं ने 50-60 की उम्र तक फिल्मी करियर खींचा। लेकिन जिस अभिनेता को हम 48 सालों से देख रहे वो अभी भी अपने फैंस को हैरान करने की कुव्वत रखता है। अमिताभ को पहले पहले भले ही ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में लोकप्रियता मिली, लेकिन वो कॉमेडी, ट्रैजडी और पारिवारिक फिल्मों में भी उतने ही कामयाब रहे हैं। दिलीप कुमार के शब्दों में कहें तो अमिताभ बच्चन संपूर्ण अभिनेता हैं।
नई पीढ़ी के साथ तालमेल- ‘आजकल के नौजवान तो…’ ये एक ऐसी ग्रंथि जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के बुजुर्ग करते आ रहे हैं और उनके बुजुर्ग भी। लेकिन अमिताभ बच्चन ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने खुद को नए जमाने के हिसाब से ढाला। भले ही ये उनका बड़प्पन हो, लेकिन अमिताभ बच्चन हमेशा ही कहते हैं नई पीढ़ी ज्यादा प्रतिभाशाली है। शायद यही वजह है कि वो आज के जमाने के स्टार्स और निर्देशकों की पसंद बने हुए हैं।
नए प्रयोग का साहस (Courage to try new) – 1990 के दशक में जब अमिताभ की कुछ फिल्में पिट गईं तो उन्होंने काम करना बंद कर दिया। कुछ लोग ये भी कहते हैं कि उन्हें काम मिलना बंद हो गया था। अमिताभ के आलोचक उनका मर्सिया लिखने लगे थे। लेकिन ऐसे लोग भूल गये कि जिसकी आभा कभी न खत्म हो उसे ही अमिताभ कहते हैं। जुलाई 2000 में अमिताभ ने बड़ा जोखिम लेते हुए छोटे पर्दे पर वापसी की। कौन बनेगा करोड़पति की सफलता ने न केवल अमिताभ बल्कि टेलीविजन इतिहास का भी अविस्मरणीय दस्तावेज बन गया। एक तरह से उन्होंने इक्कीसवीं सदी में अपने करियर की नई पारी शुरू की जो आज तक जारी है।
साफ दिल (Clean Heart)- अमिताभ बच्चन की सबसे बड़ी खूबी हैं उनका साफ दिल। वो हमेशा सबके लिए अच्छा सोचते हैं और अच्छा करते हैं। जिसे वो कभी किसी को जाहिर भी नहीं होने देते हैं। ये बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, आप उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियां, ट्वीट, बातें कुछ भी देख लीजिए, आपको खुद यकीन हो जाएगा। बिना अच्छे दिल के आप सफल हो सकते हैं, पर लोगों के दिलों में राज कभी नहीं कर सकते हैं।