अभय ने अपनी 2012 की फिल्म ‘शंघाई’ ( Shanghai ) की शूटिंग को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर यह बातें लिखीं। फिल्म राजनीति में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इर्द-गिर्द घूमती है। उन्होंने लिखा, शंघाई 2012 में रिलीज हुई थी और एक समकालीन भारतीय लेखक वासिलिस वसिलिकोस के ग्रीक उपन्यास जेड पर आधारित है। दिबाकर बनर्जी द्वारा निर्देशित यह फिल्म राजनीति और केंद्र में प्रणालीगत भ्रष्टाचार के बारे में है। यह आज भी काफी प्रासंगिक है। इन दिनों कोई भी बॉलीवुड की भ्रष्ट प्रथाओं के बारे में फिल्म बना सकता है। अभय ने सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड के भीतर की कुरूपता को उजागर करने वाले लोगों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, वैसे इस बारे में मैं कह नहीं सकता कि लोगों में अभी जो नाराजगी है, वह बॉलीवुड के अनौपचारिक टैग के बिना एक स्वतंत्र हिंदी फिल्म और संगीत उद्योग को जन्म देगी। लेकिन निश्चित रूप से यह सुनने में अच्छा लगता है कि लोग बड़े मकसद के लिए अपना करियर खतरे में डालकर इस बारे में आवाज उठा रहे हैं। बता दें कि हाल ही में, गायक सोनू निगम और अदनान सामी, अभिनेता रणवीर शौरी और साहिल खान आदि बॉलीवुड की उन हस्तियों में शामिल हुए हैं जो बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद और सत्ता के खेल के बारे में बात कर रहे हैं।