यह भी पढें : Nag Panchami : राहु-केतु और कालसर्प दोष से मिल जाएगी हमेशा के मुक्ति, बस मंदिर में जाकर भगवान शिव को अर्पित करनी होगी ये ख़ास वस्तु आज सोनल के बनाए बैग की मार्केट में काफी डिमांड है। इनके पास शहर के प्रमुख 500 से अधिक दुकानों से कैरी बैग बनाने का काम मिलता है, जिसमें 20 महिलाएं इसे तैयार करती हैं। सोनल की जीरो से हीरो बनने की काफी इंट्रेस्टिंग जर्नी है।
खुद की पहचान बनाने के लिए नहीं की नौकरी सोनल ने बताया बहन की शादी हो गई थी। इसके बाद लगा कि घर में बैठकर ज्यादा काम नहीं मिल सकता है, तो ईदगाह चौक में 2 कमरे के घर को किराए में लेकर झोला बनाने का काम शुरू किया। फिर अपनी पहचान बनाने के बारे में सोचा, लेकिन नौकरी के बारे में नहीं सोचा।
इसके लिए एग्जिबिशन भी किया। रायपुर, भोपाल और जबलपुर गए, पर देखा कि उसका मार्केट अब नहीं रह गया है, क्योंकि हर दूसरा व्यक्ति वेस्ट से बैग बना लेता था, तो उसे बेचकर उतना लाभ नहीं मिलता था। साथ ही उसका ज्यादा ग्रोथ भी नहीं दिख रहा था। इसके बाद कैरी बैग बनाने की शुरुआत की।
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सोनल ने बताया कि महीने में 20 हजर से अधिक पीस कैरी बैग की सेलिंग है। उनका कहना है भविष्य में एक बड़ी इंडस्ट्री बन सके, जिसमें कम से कम 100 से अधिक ऐसी महिला हो, जिनका कोई नहीं है। उन्हें काम देकर रोजगार दिया जाए। ताकि वह अच्छी जिंदगी जी सकें, क्योंकि महिलाओं के लिए अच्छा वातावरण बहुत जगह नहीं मिलता है, जिसे हम यहां फुलफिल करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी कामयाबी में मां का साथ रहा है।