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बिलासपुर

चीख-चीख कर बोले परिवार के लोग- कोई तो हमारी बातों का विश्वास करो, पिछले एक साल से हमारे पीछे पड़े हैं भूत

Real horror story in hindi: परिवार पर भूतों का साया(bhutiya kahani) था, पिछले एक साल बदल रहे हैं घर लेकिन भूतों से नहीं मिली राहत और एक दिन परिवार ने उठा लिया ये (Fir against ghost)कदम

बिलासपुरAug 08, 2019 / 11:26 pm

Murari Soni

भूतों को नहीं मानते हो तो जरा ये खबर पढ़ लो, यहां आधी रात लोगों की चीख निकाल देते थे भूत, बताया तो किसी ने यकीन नहीं किया फिर…

जशपुर/बगीचा. भूतों(Real horror story in hindi) द्वारा एक परिवार को परेशान करने का मामला सामने आया है। अचंभे में डाल देने वाला यह माजरा जशपुर जिला(Jashpur police)के बगीचा थाना क्षेत्र के पंडरापाठ चौकी के अंतर्गत सुलेसा के भितवाही गांव का है। यहां रहने वाले रामकृपाल यादव का परिवार अज्ञात व अदृश्य तत्वों(asli bhoot) की पत्थरबाजी से दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हो गया है। पिछले एक साल में आधा दर्जन ठिकाना बदलने के बावजूद इस परिवार पर पत्थरों की मार बंद नहीं हुई(Fir against ghost )।
गांव के लोग भी जानते हैं कि इस परिवार पर पत्थर बरसते हैं पर कोई यह नहीं बता पाता है कि आखिर ये पत्थर कहां से बरस रहे हैं। सारे उपाय करने के बावजूद पीडि़त परिवार को राहत नहीं मिली। इसके बाद अब पीडि़त परिवार भूत(Real horror story in hindi) की शिकायत लेकर थाना पहुंच गए और अपनी सुरक्षा के साथ भूत पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पुलिस पीडि़त की बात को सुन कर आश्चर्य में पड़ गई और अज्ञात तत्वों की बदमाशी बताते हुए मामले के जांच की बात भी कही है।

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जहां जाता है परिवार वहां गिरते हैं पत्थर
भितवाही गांव का निवासी रामकृपाल यादव अपने माता पिता व दो बहनों के साथ रहता है। पिछले एक साल से वह अजीबोगरीब पत्थरबाजी से परेशान है। पत्थरबाजी की खौफ से यह परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है। रामकृपाल यादव के पूरे परिवार के सदस्यों पर पत्थरबाजी हो रही है जिसमें उनके परिवार के लोग घायल भी हो चुके हैं। पिछले एक साल से वे अज्ञात तत्वों(Real horror story in hindi) की पत्थरबाजी से परेशान हैं।
 

हमला कभी भी कहीं भी हो जाता

खास बात यह कि पत्थर मारने वाला न तो दिखाई देता है न ही पकड़ में आता है। यह हमला कभी भी कहीं भी हो जाता है। इस अज्ञात पत्थरबाजी से परेशान होकर परिवार के पांचों सदस्य अपना गांव छोड़कर(bhutiya kahani) कुछ दिन के लिए शंकरगढ़ के खरकोना अपनी दीदी के पास चले गए लेकिन वहां भी यह समस्या बनी रही। इसके बाद वे सभी बगीचा के झांपीदरहा आ गए। लेकिन वहां भी पत्थर गिरने का सिलसिला कम नहीं हुआ। यहां से परेशान होकर वे बगीचा के गम्हरिया में एक बैगा पंडा(Real horror story in hindi) के यहां शरण ले लिया लेकिन यहां भी उन पर पत्थर गिरना बंद नहीं हुआ है। इस परिवार के सामने अब दर दर की ठोकर खाने की स्थिति आ गई है।


–पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत दी है उनकी शिकायतों की जांच की जा रही है। शिकायत की जांच होने के बाद ही पूरे मामले का पता चल पाएगा।
विकास शुक्ला, थाना प्रभारी बगीचा

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