bell-icon-header
बिलासपुर

हाल-ए-सिम्स: पोताई कर सीपेज ढंकने का प्रयास, बारिश होते ही खुली प्रबंधन की पोल

Bilaspur News: हाईकोर्ट के कड़े रुख पर सिम्स में व्यवस्था सुधार कार्य तो शुरू हुआ, पर प्रबंधन अब भी इसमें पूरी गंभीरता नहीं बरत रहा है। यहां बड़ी समस्याओं में से एक सीपेज है। पिछले दिनों दीवारों में नीचे से ऊपर तक पोताई कर सीपेज को ढंकने का प्रयास किया गया, इधर बारिश होते ही प्रबंधन की पोल खुल गई है।

बिलासपुरDec 08, 2023 / 01:50 pm

Khyati Parihar

Chhattisgarh News: हाईकोर्ट के कड़े रुख पर सिम्स में व्यवस्था सुधार कार्य तो शुरू हुआ, पर प्रबंधन अब भी इसमें पूरी गंभीरता नहीं बरत रहा है। यहां बड़ी समस्याओं में से एक सीपेज है। पिछले दिनों दीवारों में नीचे से ऊपर तक पोताई कर सीपेज को ढंकने का प्रयास किया गया, इधर बारिश होते ही प्रबंधन की पोल खुल गई है। हैरानी की बात तो ये है कि इसके बावजूद प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स में व्यवस्था सुधार कार्य तो चल रहा है। इसके अंतर्गत साफ-सफाई, वर्षों से ऐसे ही पड़ी दीवारों में लिपाई-पोताई, प्रशाधन का जीर्णोद्धार तो बखूबी हो रहा है, पर बड़ी समस्याओं में से एक सीपेज की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके होने से हॉस्पिटल की दीवारों से लेकर फर्स तक पानी भर जाता है। व्यवस्था सुधार अभियान के तहत हॉस्पिटल बिल्डिंग में जहां सीपेज होता था, वहां बाकायदा पोताई कर इस कमी को ढंक दिया गया था, पर पिछले तीन दिन से रह-रह कर हो रही बारिश ने प्रबंधन के सारे किए कराए पर पानी फेर दिया है।
यह भी पढ़ें

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में एक्टिव हुआ भयंकर सिस्टम, इन इलाकों में जमकर बरसेंगे बादल…Alert जारी

पुती-पोताई दीवारों से हाते हुए सीपेज का पानी फर्श तक आने लगा है। बतादें कि इसका सबसे ज्यादा खतरा हॉस्पिटल की दीवारों पर मकड़जाल की तरह लटके बिजली के तारों में पानी पड़ने से है। पहले कई बार ये देखने को मिला कि सीपेज का पानी तारों में पड़ने से शार्ट सर्किट हो गया, तो दूसरी ओर दीवार में करंट फैलने से लोग झटके भी खा चुके हैं। हालांकि इस बात का पता चलते ही तात्कालिक तौर पर तारों को डिस्कनेक्ट कर जानलेवा स्थिति को टाला गया, पर सीपेज को रोकने कोई ठोस कदम न उस समय उठाया गया और न ही अब इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
सीपेज से सबसे सेंसिटिव बर्न वार्ड तक नहीं अछूता

सीपेज का असर एमआरडी हाल के गलियारे से लेकर विभिन्न वार्डों तक है। यही नहीं हॉस्पिटल का सबसे सेंसिटिव बर्न यूनिट भी इससे अछूता नहीं है। पिछले दो दिन से हो रही बारिश से ही यहां की दीवारों से लेकर फर्श तक में सीपेज का पानी फैल गया है। जबकि यहां भर्ती मरीजों को किसी भी इन्फेक्शन से दूर रखना होता है। सीपेज के यहां भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने हर समय आशंका बनी हुई है।
सिम्स की हॉस्पिटल बिल्डिंग में सीपेज को रोकने काम जारी है। जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी। – डॉ. सुजीत नायक, एमएस सिम्स

यह भी पढ़ें

Bilaspur News: पोस्टिंग प्रभावित टीचर्स के लिए बड़ी खबर, हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षकों को जारी किया यह आदेश

Hindi News / Bilaspur / हाल-ए-सिम्स: पोताई कर सीपेज ढंकने का प्रयास, बारिश होते ही खुली प्रबंधन की पोल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.