पत्रिका से खास बातचीत आपका एजुकेशनल बैकग्राउंड क्या है? मेरी कक्षा पांचवी तक की शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई थी। इसके बाद झाफल के महाराणा प्रताप स्कूल से 12 वीं तक की पढ़ाई मैथ्स स्ट्रीम से की और ग्रेजुएशन बी.टेक एग्रीकल्चर से किया है।
कब ऐसा लगा कि यूपीएससी की तैयारी की जाए? ग्रेजुएशन के दौरान मैं भविष्य के ऑप्शंस तलाश रहा था, इसी बीच लगा कि यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए। बिलासपुर आकर तैयारी में जुट गया।
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जब आपने यूपीएससी की परीक्षा दी, तब आपने कौन से विषय चुने? पहले दो ऑप्शनल हुआ करते थे लेकिन अब एक ही ऑप्शनल होता है, मैंने हिंदी साहित्य को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर चुना था। सब्जेक्ट का चुनाव यूपीएससी की परीक्षा में कितना महत्व रखता है? ऑप्शनल सब्जेक्ट्स का चुनाव बेहद अहम है, आपको इसे लेकर क्लियरिटी होनी चाहिए। क्योंकि ऐसा नहीं होने पर आपका समय बर्बाद हो सकता है। वही सब्जेक्ट का चुनाव अपने इंट्रेस्ट और तैयार के आधार पर करना उचित रहेगा।
सेल्फ डाउट से कैसे निपटे? इस परीक्षा के तैयारी के दौरान सेल्फ डाउट आना कॉमन है, इसके सिलेबस काफी वास्ट होते है। सेल्फ डाउट से निकलने का एक ही तरीका है वो है अधिक से अधिक तयारी। आपकी तैयारी जितनी ज्यादा होगी सेल्फ बौब्ट का भाव उतना ही कम।
क्या सिलेक्शन के लिए कोचिंग लेना जरुरी होता है, इसपर आप क्या कहेंगे? कोचिंग सिलेक्शन का मापदंड बिलकुल नहीं है, लेकिन जब एक युवा यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत करता है तब उन्हें क्या पड़ना है क्या नहीं ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे में कोचिंग संसथान से जो स्टडी मटेरियल मिलते है उनसे स्टूडेंट्स की काफी मदद होती है।
मेन्स के आंसर लिखते वक्त किन बातो को ध्यान में रखना पड़ता है? इस वर्ष यूपीएससी मेन्स में करंट अफेयर जैसे जी-20, चंद्रयान आदि तरह के टॉपिक्स पर सवाल पूछे गए थे। इनके जवाब लिखते वक्त आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके जवाब अनलिटिक हो। सवाल में पूछे गए सभी पहलु कवर हो।