टिकट लगाने की तैयारी : जलाशयों को खूबसूरत बनाने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित करके विभाग किसी समिति को इसके संचालन के लिए सौंप सकता है। इसके रखरखाव पर होने वाले खर्च नो लॉस नो प्रॉफिट के तहत संचालित किया जाएगा।
मिरौनी, बसंत बैराज में सौंदर्यीकरण : जांजगीर-चांपा जिले महानदी पर दो बैराज हैं। इनमें मिरौनी बैराज, बसंज बैराज शामिल है। इन दोनों स्थलों को भी पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना है। दोनों स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। दोनों बैराज क्रमश: ६-६ एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है।
टिकट दर निर्धारित करने का है प्रस्ताव : खूंटाघाट, चांपी और घोंघा जलाशयों को पर्यटकों के लिए और बेहतर बनाने की योजना है। इसके लिए राज्य स्तरीय समिति बनाई गई है। यह समिति एक माह में रिपोर्ट तैयार कर सौंपेंगी। इसे विकसित करने के बाद इन स्थलों के लिए टिकट दर निर्धारित करने का प्रस्ताव है।
एसके अवधिया, मुख्य अभियंता, हसदेव कछार, जल संसाधन बिलासपुर
मिरौनी, बसंत बैराज में सौंदर्यीकरण : जांजगीर-चांपा जिले महानदी पर दो बैराज हैं। इनमें मिरौनी बैराज, बसंज बैराज शामिल है। इन दोनों स्थलों को भी पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना है। दोनों स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। दोनों बैराज क्रमश: ६-६ एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है।
टिकट दर निर्धारित करने का है प्रस्ताव : खूंटाघाट, चांपी और घोंघा जलाशयों को पर्यटकों के लिए और बेहतर बनाने की योजना है। इसके लिए राज्य स्तरीय समिति बनाई गई है। यह समिति एक माह में रिपोर्ट तैयार कर सौंपेंगी। इसे विकसित करने के बाद इन स्थलों के लिए टिकट दर निर्धारित करने का प्रस्ताव है।
एसके अवधिया, मुख्य अभियंता, हसदेव कछार, जल संसाधन बिलासपुर